रायपुर. पूरे देश में पवनसुत हनुमान की जयंती मनाई जा रही है. भगवान हनुमान का चरित्र नैतिकता के उच्च मानदंडों, निष्ठा, शुचिता और श्रद्धा का उदाहरण है. पूरे देश औऱ दुनिया में हनुमान भक्त अपने आराध्य देव की जयंती पर उनके गुणगान औऱ पूजा अर्चना करने में जुटे हैं. इस पुनीत जयंती पर पेश है लल्लूराम डॉट कॉम की विशेष रिपोर्ट.

ऐसा माना जाता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के पंद्रहवें दिन भगवान हनुमान ने जन्म लिया था. इस साल ये तारीख अंग्रेजी माह की 31 मार्च को आई. जिस कारण पूरे देश में आज हनुमान भक्त हनुमान जयंती मना रहे हैं.

उनको पवन पुत्र कहा जाता है. पूरा पर्वत एक हाथ से उठा लेने वाले हनुमान जी साहस औऱ निष्ठा का प्रतीक हैं. अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के एक इशारे पर कुछ भी कर गुजरने को तत्पर भगवान हनुमान की अपने आराध्य के प्रति निष्ठा औऱ समर्पण की लोग आज भी दुहाई देते हैं.

पूरे देश में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ हनुमान भक्तों द्वारा आयोजित किया जा रहा है. आंध्र प्रदेश औऱ तेलंगाना में तो चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान भक्त 41 दिनों तक लगातार भगवान हनुमान की पूजा औऱ पाठ करते हैं औऱ उसका समापन हनुमान जयंती के दिन करते हैं.

हनुमान जयंती पर ये करें भक्त, सारे कष्ट होंगे दूर

हनुमान जी शौर्य औऱ साहस का प्रतीक माने जाते हैं. हनुमान भक्तों को जयंती से एक दिन पहले ही शाम को भोजन त्याग कर पूरे तरीके से ब्रहाचर्य का पालन करते हुए प्रभु श्रीराम औऱ हनुमान जी के नाम का जाप करना चाहिए. कहा जाता है कि जहां राम चरित मानस का पाठ होता है वहां भगवान हनुमान जरुर किसी न किसी रुप में मौजूद होते हैं.

शुभ मुहूर्त

हनुमान जयंती इस साल 30 मार्च की शाम 7.35 से लेकर 31 मार्च की शाम 6 बजे तक मनाई जाएगी. इसलिए आज शाम 6 बजे तक हनुमान जी का ध्यान औऱ पूजन बेहद शुभ औऱ फलदायी है. खास बात ये है कि अगर आज रात को आप हनुमान जी की पूजा करते हैं तो विशेष फल की प्राप्ति होगी. विधि विधान से पूजा करने के साथ हनुमान जी को गुलाब की माला चढ़ाइए औऱ पूजा करते समय चोला चढ़ाने से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी. इसके साथ ही पीपल के पत्तों पर श्रीराम लिखकर प्रभु को अर्पित करने से अगर आप आर्थिक रुप से परेशान हैं तो काफी फायदा होगा. आज सुंदरकांड का पाठ करें, हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं.

देश के 5 प्रसिद्ध हनुमान मंदिर जहां दर्शन मात्र से सारे दुख होंगे दूर.

लेटे हनुमान मंदिर, इलाहाबाद

इलाहाबाद में संगम से सटा हुआ लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर भारत का एकमात्र मंदिर है जिसमें हनुमान जी लेटे हुए हैं. इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से सारे कष्टों से छुटकारा मिल जाता है. ऐसी लोगों की मान्यता है.

सालासर बालाजी हनुमान मंदिर

राजस्थान के चुरु जिसे के सालासर में स्थित इस मंदिर की प्रतिमा में हनुमान जी दाढ़ी व मूंछें हैं. इस मंदिर की इतनी मान्यता है कि लाखों लोग हर साल यहां दर्शन करने के लिए आते हैं.

श्री संकटमोचन मंदिर, वाराणसी

वाराणसी में स्थित इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इसकी स्थापना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी. इसलिए इसकी विशेष मान्यता है.

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर

राजस्थान के दौसा में स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां एक चट्टान पर भगवान हनुमान की आकृति खुद ब खुद उभर आई थी. माना जाता है कि यहां जाने मात्र से बुरी आत्माओं से पीछा छूट जाता है.

डुल्या मारुति मंदिर

पुणे के गणेशपेठ में स्थित ये मंदिर करीब 500 साल पुराना है. इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति काले पथ्थर पर अंकित है. मान्यता है कि कष्टों से छुटकारा पाने के लिए लोग इस मंदिर की शरण लेते हैं.