कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश के हरदा में हुए हादसे पर एनजीटी (NGT) ने कड़ा रक्त अख्तियार करते हुए अब तक की गई कार्रवाई और राहत कार्य को लेकर पूरी रिपोर्ट मांगी है। एनजीटी ने यह भी पूछा है कि इस तरह के हादसे को रोकने के लिए पहले क्या कुछ उपाय किए गए हैं और क्या किया जा रहे है।

दरअसल एनजीटी (NGT) ने सोशल वर्कर पी जी पांडे और रजत भार्गव की एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कहा है कि हरदा जैसे हादसे की पुर्नवृत्ति ना हो लिहाजा प्रदेश में जहां भी इस तरह के पटाखे गोदाम या फैक्ट्री संचालित हो रही है वहां से लेकर आवासीय क्षेत्र के बीच में 500 से 1000 मीटर की दूरी पर बफर जोन बनाया जाए। इसके साथ ही एनजीटी (NGT) ने पूछा है कि हरदा हादसे को लेकर अब तक क्या कुछ कार्रवाई की है उसकी पूरी एक्शन और प्लानिंग रिपोर्ट भी मांगी है। साथ ही एनजीटी ने शासन को ये आदेश भी दिए हैं कि ऐसा हादसा दोबारा ना हो इस दिशा में स्पष्ट और कड़ी नीति भी बनाई जाए। एनजीटी ने कहा है कि पूर्व में एनजीटी में जमा 20 लख रुपए हरदा हादसे में पीड़ितों पर खर्च किया जाए। मामले के अगली सुनवाई 6 मार्च को तय की गई है।

सुनवाई के दौरान दी गई ये दलील

एनजीटी (NGT) में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकीलों ने दलील दी कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट दिशा निर्देश दिए हैं उसके बावजूद भी प्रदेश में कई जगह इनका पालन नहीं किया जा रहा, सुनवाई के दौरान कहा गया कि यदि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन होता तो इस तरह से प्रदेश में अवैध पटाखे फैक्ट्रियां संचालित नहीं होती और इतना बड़ा हादसा भी नहीं होता जिस पर सहमत होते हुए एनजीटी (NGT) ने पर्यावरण, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, रिवेन्यू तथा शहरी विकास को निर्देश देते हुए इस दिशा में कड़ाई से नियमों का पालन और स्पष्ट एवं कड़ी नीति बनाने के लिए कहा है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
Read More:- https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H