पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रदेश के सीतापुरी में बनने वाले रोप को लेकर कुछ सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि सीतापुरी से श्री केदारनाथ जी तक रोप-वे (Sitapuri Kedarnath Ropeway) बनेगा और इसका निर्माण अडानी की कंपनी करेगी. उन्होंने इस विषय को यात्री सुविधा और आजीविका से जोड़ते हुए सरकार से आग्रह किया है.
दरअसल, हरीश रावत ने एक्स पर एक पोस्ट साझा किया है. उसमें उन्होंने लिखा है कि ‘मैं पिछले तीन दिन से असमंजस में था कि इस प्रसंग में कुछ कहूं या न कहूं! यह प्रसंग इस समाचार को लेकर है कि अब श्री केदारनाथ मार्ग में सीतापुरी से श्री केदारनाथ जी तक रोप-वे बनेगा और इसका निर्माण अडानी की कंपनी करेगी. कंपनी किसी की हो, मेरा प्रश्न सीतापुरी से रोप-वे निर्माण को लेकर है?’
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उन्होंने आगे लिखा कि ‘मेरे कार्यकाल में भीमबली से लिंचोली और लिंचोली से श्री केदारनाथ जी के लिए रोप-वे केंद्र सरकार के अनुमोदन के लिए प्रस्तावित किया गया था. हमारी सोच थी कि यात्रियों की सुविधा के लिए रोप-वे भी बने और साथ-साथ स्थानीय लोगों की आजीविका पर उसका कोई दूसरा दुष्प्रभाव न पड़े. भीमबली और मध्य लिंचोली को यात्रा के पड़ाव के रूप में विकसित करने का भी प्रयास किया था. मेरा दृढ़ मत है कि यात्रा मार्ग का उपयोग स्थानीय लोगों की आजीविका संवर्धन के लिए होना चाहिए. क्योंकि यही लोग और इनके पूर्वज हैं जिन्होंने सैकड़ों वर्षों से इस यात्रा को एक स्वरूप दिया है और भगवान केदारनाथ जी की प्रतिष्ठा को दुनिया भर में पहुंचाया है. सीतापुरी से सीधे रोपवे का अर्थ है गौरीकुंड जो एक धर्मस्थल है वह लगभग महत्वहीन हो जाएगा. हजारों लोगों की आजीविका भी सिमट जाएगी.’
रावत ने लिखा कि ‘मेरा मानना है कि सरकार को सीतापुरी से सीधे श्री केदारनाथ जी तक रोप-वे बनाने के प्रस्ताव को बदल कर हमारे प्रस्ताव के तर्ज पर इसको दो-तीन रोपवेज में बनाना चाहिए ताकि यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के साथ स्थानीय लोगों के आजीविका के संसाधन भी सुरक्षित रहें.’
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