प्रदेश में अतिथि शिक्षकों में व्याप्त अनिश्चय को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने राज्य की धामी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने खुले तौर पर कहा है कि यदि सरकार इस विषय पर नहीं सोचती है तो फिर 2027 में जनता या इन शिक्षकों को ऐसी सरकार लानी पड़ेगी जो उनकी सुने. या उनके अनिश्चय को खत्म करे.
रावत ने एक पोस्ट साझा कर लिखा कि ‘यदि पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा को संभालना है तो मैं अब भी राज्य सरकार से कहना चाहूंगा कि अतिथि शिक्षकों की हमारे समय में प्रक्रिया से भर्ती की गई थी उसको ध्यान में रखते हुये अतिथि शिक्षकों की लंबी समय से चली आ रही मांग को, सरकार को मानना चाहिए और अनिश्चय समाप्त करना चाहिए.’
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रावत ने आगे लिखा कि ‘यदि आप नहीं करेंगे तो मैं कहूंगा कि 2027 की सरकार इसको अपने एजेंडे में सर्वोच्च स्थान दे. अब यह राज्य की जनता जिन्हें यदि अपनी शिक्षा को सुधारना है तो फिर 2027 में ऐसी सरकार लानी होगी जो अतिथि शिक्षकों और उपनल कर्मियों आदि के सामने जो अनिश्चय है उस अनिश्चय को प्राथमिकता के आधार पर समाप्त करे.’
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