Hariyali Teej 2024 : भगवान श्री कृष्णाहरे राधा एक बार रूप में पानी के लहरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाओं के झूला झूलने का भी पौराणिक महत्व है. ऐसी मान्यता है इसदिन माता पार्वती ने भगवान शिव एक वर रूप में पाने के लिए व्रत रखा था.
पुराणों में उल्लेख है कि हरियाली तीज के दिन भगवान शिव देवी पार्वती और श्रीराम माता सीता को भी झूला झूलाते थे. मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी को झूला झुलाया था. भगवान शिव और पार्वती के पुर्नमिलाप के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले इस त्योहार के बारे में मान्यता है कि मां पार्वती ने 107 जन्म लिए थे भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए. अंततः मां पार्वती के कठोर तप और उनके 108वें जन्म में भगवान ने पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया. तभी से ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से लड़कियां को मनचाहा वर मिलता है.
हरियाली तीज कब है? (Hariyali Teej 2024)
पंचांग के अनुसार, श्रावण माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 6 अगस्त 2024 को शाम 7 बजकर 52 मिनट से हो रहा है. जिसका समापन अगले दिन 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजकर 5 मिनट पर होगा. इस लिए उदयातिथि के आधार पर 7 अगस्त 2024 को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन शिव योग का संयोग बन रहा है. जो सुबह 11 बजकर 45 मिनट से लेकर अगले दिन तक रहने वाला है.
हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं सज-धज कर एक स्थान पर एकत्रित होकर झूला झूलती हैं और सावन के मधुर गीत गाती हैं. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत और उत्सव बिना झूला झूले अधूरा है. यह न केवल एक सांस्कृतिक परंपरा है, बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी होता है. झूला झूलने से मन को शांति मिलती है. व्रत के दौरान ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है. इसलिए, हरियाली तीज पर झूला झूलना अनिवार्य माना गया है. देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी.
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