कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। दूध व उससे बने उत्पादों में हो रही मिलावट पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक बार फिर से चिंता जताई है। अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने अतिरिक्त महाधिवक्ता डाॅ. एमपीएस रघुवंशी को निर्देश दिया कि वे दूध और दूध से उत्पाद बनाने वाली कंपनियों की फैक्ट्रियों में जाकर सैंपल लें और उसकी जांच कराएं। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि मिलावट के मामले में प्रदेश सरकार कड़ी कार्रवाई कर रही है।
दरअसल, दूध व दूध से बने उत्पादों में हो रही मिलावट को रोकने के संबंध में हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। उसका पालन नहीं होने पर एडवोकेट उमेश बौहरे ने अवमानना याचिका दायर की है। पूर्व में हुई सुनवाई में कलेक्टर मुरैना केबी कार्तिकेयन ने बताया था कि वर्ष 2014 से 2020 तक लगभग 200 सैंपल लिए जाते थे, जबकि बीते ढाई वर्षों में सैंपलों की संख्या बढ़कर 900 पहुंच गई है।
हालांकि, याचिकाकर्ता उमेश बौहरे ने शासन की रिपोर्ट को दिखावटी बताया और आरोप लगाया कि पूर्व में जहां 10 हजार लीटर मिलावटी दूध बनता था। वहीं अब 20 हजार लीटर मिलावटी दूध बनाया जा रहा है। चिंता वाली बात ये है कि ग्वालियर-चंबल अंचल से ही दूध, मावा सहित अन्य उत्पाद देशभर में भेजे जाते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही चंबल की घी बनाने वाली नोवा और पारस फैक्ट्री की जांच के आदेश दिए है।
एनके भटेले, भिंड। पुलिस एवं फूड विभाग ने डेरियों पर संयुक्त छापामार कार्रवाई की है। कार्रवाई के दौरान मौके पर मिला रिफाइंड ऑयल और हाइड्रोजन पराक्साइड। डेयरी की तलाशी में बरामद हुआ मिलावटी करीब 400 लीटर दूध, बड़ी मात्रा में दूध सहित मिलावटी दूध बनाने वाली सामग्री जब्त की है। डेयरी संचालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामला नयागांव थाना क्षेत्र के ओझा गांव का है।
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