सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. स्वास्थ्य मंत्री श्याम जायसवाल बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के दावे ही कर रहे थे कि एक मरीज का दर्द छलक पड़ा. दर्द ऐसा कि उनके सारे दावों की पोल खुल गई. मरीज का कहना था कि, सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना था कि एक हफ्ते के अंदर उसकी कैंसर पीड़ित मां का ऑपरेशन किया जाएगा, लेकिन वह एक महीने इलाज के लिए भटकता रहा. फिर मंत्री के कहने पर डॉक्टरों ने इलाज किया. अब इस पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है कि क्या हर व्यक्ति मंत्री से फोन करवाएगा तभी इलाज मिलेगा ? साथ ही सिस्टम को बड़े-बड़े दावे करने की बजाय वेंटीलेटर पर पड़े सिस्टम सुधारने की जरूरत है.

बता दें कि, प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल तब खुल गई जब स्वास्थ्य मंत्री श्याम जायसवाल राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मेकाहारा रायपुर में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. जहां रायगढ़ निवासी पीड़िता के बेटे सुरेश कुमार पटेल ने मंत्री श्याम जायसवाल को बताया कि, उसकी कैंसर पीड़ित मां पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती है. डॉक्टरों ने एक हफ्ते में ऑपरेशन करने की बात कही थी, लेकिन एक महीने तक इलाज नहीं किया. उसके बाद मंत्री ओपी चौधरी से फोन करवाने के बाद ऑपरेशन हुआ.

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आगे उसने मंत्री से ये भी बताया कि कुछ जानकारी लेते हैं तो नर्स और अन्य स्टाफ़ दुर्व्यवहार करते हैं. डॉक्टर सुबह आते हैं और फिर दिन भर नदारद रहते हैं. उसने ये भी बताया कि, ये हमारी एक-दो लोगों की नहीं बल्कि सबकी यही परेशानी है, जिसे दूर करना चाहिए. जिसके बाद मंत्री श्याम जायसवाल ने मरीज़ों का दर्द सुनकर तत्काल डॉक्टरों को बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए.

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