पवन दुर्गम, बीजापुर- जिला चिकित्सालय के दंत चिकित्सा विभाग द्वारा मरीजों को इस कोरोना काल में भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। खासकर ऐसे मरीज जिनका रोड एक्सीडेंट से चेहरे की स्थिति क्षतिग्रस्त हो चुके है, जबड़े एवं दांत टूट गये हो उनका ऑपरेशन आईएमएफटी कर क्षतिग्रस्त जबड़ों का बेहतर ईलाज कर पुनः पहले जैसे चेहरे में मुस्कान लाने का कार्य बहुत ही गंभीरता के साथ किया जा रहा है।

मरीज संतोष मानेर ने बताया कि वह भोपालपटनम का निवासी है जिनका रोड एक्सीडेंट दो माह पूर्व मोदकपाल के पास हो गया था जिनके परिजनों ने जिला अस्पताल बीजापुर में भर्ती कराया। एक्सीडेंट के दौरान संतोष का जबड़ा बुरी तरह से टूट चुका था। जिसके वजह से कुछ दांत भी टूट गया। चेहरे की स्थिति भी क्षतिग्रस्त हो चुका था। ऐसे में डाॅ. मनोज लम्बाड़ी बीडीएस ने संतोष का ईलाज किया एवं ऑपरेशन आईएमएफटी कर उसके जबड़े को पुनः पहले जैसे व्यवस्थित किया। संतोष ने बताया कि मेरा जबड़ा पहले जैसे हो गया है मैं नहीं सोचा था कि एक्सीडेंट के बाद जिस तरह से चोट मेरे चेहरे पर लगा है, वह पुनः ठीक हो जायेगा। लेकिन डाॅक्टर्स एवं स्वास्थ्य कर्मी के मेहनत एवं लगन से मेरा जबड़ा पूरी तरह ठीक हो चुका है। खाने-पीने एवं बातचीत करने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है।

डाॅ. मनोज लम्बाड़ी ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. पुजारी के दिशा-निर्देश में इस तरह के लगभग 29 प्रकरणों का जिला चिकित्सालय में सफल ऑपरेशन आईएमएफटी एवं उपचार कर मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराया गया है। कई मरीजों का ऊपर एवं नीचे का जबड़ा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका था जो अब सफल ऑपरेशन एवं उपचार के बाद पुनः पहले जैसे हो चुका है, वे खान-पान एवं बातचीत करने में सक्षम है। उनको दांत एवं जबड़े सम्बन्धी कोई समस्या नहीं है।

इसी तरह नवजात शिशु जन्म के समय जिनका मुंह, नांक, होठ विकृत अवस्था में होता है जिस वजह से शिशु को स्तनपान में कठिनाई आती है, ऐसे 4 प्रकरण जिनको नेजोएलवीलर प्लेट लगाया गया। जिस प्लेट के माध्यम से नवजात शिशु को स्तनपान में सहयोग मिलता है। ऐसे बच्चों का 6 माह उपरांत ऑपरेशन कर उनके विकृत चेहरे को ठीक किया जाता है। दो माह पूर्व भैरमगढ़ निवासी दम्पत्ति का नवजात शिशु में यह लक्षण दिखा जिनका चेहरा नाक, मुंह, होठ विकृत अवस्था में था स्तनपान करने में सक्षम नहीं थी उसको नेजोएलवीलर प्लेट लगाया गया। जिससे वह आसानी से स्तनपान कर रही है। उस बच्ची का 6 माह पूर्ण होने के पश्चात ऑपरेशन कर उसके चेहरे की विकृति को सुधारा जाएगा।