प्रेगनेंसी का समय महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं जिनमें हार्मोन्स की भी एक बड़ी भूमिका होती है। वहीं, इस सेंसिटिव समय में महिलाएं शारीरिक रूप से काफी कमजोर भी हो जाती हैं और इसी वजह से उनके लिए कई बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है। यही वजह है कि महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान अपना बहुत अधिक ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

गर्भावस्था में कुछ बीमारियों का रिस्क बहुत अधिक होता है जिनके बारे में समय रहते सावधान होना महत्वपूर्ण है। इस तरह आपके लिए इन बीमारियों से बचना आसान हो पाता है और मां-बच्चे दोनों को स्वस्थ रखने में सहायता हो सकती है।


जेस्टेशनल डायबिटीज

प्रेगनेंट महिलाओं के लिए मधुमेह या डायबिटीज का रिस्क बहुत अधिक होता है। यह एक बहुत ही कॉमन सी स्थिति है जहां गर्भावस्था में महिलाएं डायबिटीज की चपेट में आ जाती है। प्रेगनेंसी में होने वाले मधुमेह को जेस्टेशनल डायबिटीज या गर्भावधि मधुमेह कहा जाता है। हाई ब्लड शुगर लेवल प्रेगनेंट महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे बचने के लिए आप रेग्यूलर चेकअप कराएं और प्रेगनेंसी के दौरान अपनी डाइट का खास ख्याल रखें। इसके साथ ही स्ट्रेस से बचे रहने की कोशिश करें और नियमित एक्सरसाइज करें।

एनीमिया

खून की कमी, हीमोग्लोबिन की कमी या एनिमिया प्रेगनेंसी के दौरान होनेवाली एक बहुत ही कॉमन समस्या है। प्रेगनेंसी में शरीर को बहुत अधिक खून की जरूरत होती है। जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में खून नहीं बन पाता तो एनिमिया हो सकता है। यह एक घातक स्थिति है और भविष्य में बच्चे और मां दोनों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।


थायरॉइड

प्रेगनेंट महिलाओं के लिए थायरॉइड की बीमारी का रिस्क भी बहुत हाई होता है। प्रेगनेंसी में थायरॉइड ग्लैंड उत्तेजित हो जाता है जिससे हार्मोन्स के लेवल में असंतुलन आ जाता है और इससे प्रेगनेंट महिला और बच्चे को दिक्कत हो सकती है।


यूटीआई

गर्भावस्था में यूरीनरी ट्रैक्ट से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। गर्भाशय में संक्रमण प्रेगनेंट महिलाओं में काफी कॉमन है। ऐसे में इंटीमेट हाइजिन का ध्यान रखें और किसी भी तरह के लक्षण दिखायी देने के बाद अपने डॉक्टर से सम्पर्क जरूर करें।