मनोज उपाध्याय,मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने वाला मामला सामने आया है। सबलगढ़ स्थित सिविल अस्पताल में दुर्घटना के बाद घायल हुए मरीजों को ना तो बेड मिला और ना ही स्ट्रेचर। जिससे उन्हें जमीन पर लेटने और बैठने को मजबूर होना पड़ा। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था और सुविधाओं की क्या स्थिति है।

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मिली जानकारी के अनुसार 13 मार्च को क्षेत्र में हुई एक दुर्घटना के बाद दो लोगों को घायल अवस्था में अस्पताल में लाया गया था। जिसमे एक महिला भी शामिल है। बावजूद इसके न तो उन्हें बेड मिला और न ही स्ट्रेचर। घायल मरीजों को नीचे जमीन पर ही डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ इलाज करते नजर आया।

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एक तरफ स्थानीय नेता जहां सबलगढ़ को जिला बनाने को लेकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं।  वहीं दूसरी ओर गंभीर मरीजों के प्रति अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही उजागर हो रही है।  जिसकी जिम्मेदारी ना तो BMO लेने तैयार हैं और ना ही CMHO। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड रहा है। शासन ने सबलगढ़ को सिविल अस्पताल का दर्जा तो दे दिया है , लेकिन सुविधाएं नहीं। 

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स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश के कई जिलों से इस तरह के गंभीर मामले सामने आ चुके है। ताजा मामला टीकमगढ़ जिले से सामने आया था। जहां एक महिला की मौत होने के बाद शव वाहन तक नहीं मिल सका। बहरहाल ऐसे में अन्य स्थानों पर स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल होगा इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते है।   

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