Health Tips: चॉकलेट सुनते ही मुंह में पानी आना लाजमी है. उम्र चाहे जो भी हो, हर किसी को चॉकलेट खाना पसंद है. लेकिन डार्क चॉकलेट डायबिटीज मरीजों के लिए कुछ मायनों में फायदेमंद हो सकती है, लेकिन यह ध्यान रखना होगा आप इसे कितनी मात्रा में खा रहे हैं. साथ ही उसकी क्वालिटी कैसी है? यह सबसे ज्यादा जरूरी है. साइंटिफिकली प्रूव है कि डार्क चॉकलेट के पॉलीफेनॉल इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जो शुगर को मैंटेन करते हैं.
अब सवाल यह है कि क्या डायबिटीज मरीज डार्क चॉकलेट खा सकते हैं? जवाब है हां. एंडोक्राइन एब्सट्रैक्ट्स के अनुसार यह स्नैक आपके मधुमेह के जोखिम को कम करता है. पढ़िये इसे लेकर पूरी जानकारी…
इसमें होते हैं कई पोषक तत्व
डार्क चॉकलेट एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें फ्लेवोनोइड्स नामक फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो पौधे के रसायन होते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं.
डार्क चॉकलेट और मधुमेह के बीच कनेक्शन
डार्क चॉकलेट में नैचुरल (पॉलीफेनोल) तरीके से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. पॉलीफेनोल इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करते हैं. डार्क चॉकलेट सहित चॉकलेट खाने से, सप्ताह में कम से कम एक बार मधुमेह होने का जोखिम कम हो सकता है.
लो बीपी
डायबिटीज मरीज डार्क चॉकलेट रक्तचाप को कम करने में मदद करती है.
चीनी रहित विकल्प
मधुमेह रोगियों के लिए चीनी रहित डार्क चॉकलेट एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नहीं बढ़ाता है. उच्च गुणवत्ता वाली डार्क चॉकलेट में कम से कम 70% कोको होना चाहिए. विशेषज्ञ प्रतिदिन लगभग 1 से 2 औंस (30 से 60 ग्राम) डार्क चॉकलेट खाने की सलाह देते हैं.
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