Health Tips: गाना सुनना हर किसी को पसंद आता है. हां, ये अलग बात है कि गाने के टेस्ट या चॉइस अलग-अलग हो सकती है. जो गाने पसंद आते हैं, हम उन्हें बार-बार गुनगुनाते हैं. जो गाने हम गुनगुनाते हैं तो वे दिमाग में बस जाते हैं, जो सही नहीं है. आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आईए इस आर्टिकल के जरिए हम समझते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है. दिमागी में आखिर ऐसा केमिकल लोचा क्यों होता है. आईए जानते हैं.
आखिर हम क्यों गुनगुनाते हैं बार-बार एक ही गाना
यह एक साइकोलॉजी है, जिसके चलते हम किसी गाने की धुन को, गाने को बार-बार गुनगुनाते हैं. आज यू-ट्यूव के जमाने में लोग एक ही वीडियो का बार-बार देखते हैं, और ख्यालों में खो जाते हैं. इसे अट्रेक्शन को इयरवॉर्म्स नाम दिया गया है. वैज्ञानिकों ने पाया कि कुछ सुरीली धुन इंसान को इतनी ज्यादा पसंद आती हैं कि वे अन्य चीजें भूल जाते हैं. यह कोई समस्या नहीं है. मगर, इसे अगर समस्या माना जाए तो इसके लिए दिमाग का ऑडिटरी कॉर्टेक्स वाला हिस्सा जिम्मेदार है.
Health Tips: क्यों होता है ऐसा?
दरअसल, ऑडिटरी कॉर्टेक्स दिमाग का एक ऐसा हिस्सा है जो एक गाने को सुनने के बाद आपको पसंद आने पर बार-बार सुनने या गुनगुनाने के लिए प्रेरित करता है या फिर कल्पना करता है.
किन लोगों को होता है ज्यादा खतरा?
इसका प्रभाव उन लोगों पर होता है जो ज्यादा जोखिम में रहते हैं. तनाव में रहते हैं. ज्यादा भावनात्मक होते हैं. इतना ही नहीं कुछ लोगों का इस समस्या की वजह से मूल काम से ध्यान भटकता रहता है.
Health Tips: अब सबसे बड़ा सवाल
क्या यह कोई बीमारी है? नहीं, यह कोई बीमारी नहीं है. सिर्फ एक मानसिक समस्या है, जिसमें दिमाग एक गाने या धुन में फंस जाता है. अगर, आपके मन में यह सवाल उठ रहा है कि इसके कोई संकेत हैं, जिससे यह पहचाना जा सके कि हम इसमें फंस रहे हैं, तो ऐसा नहीं है. इतना जरूर है कि अग आप 24 घंटे से ज्यादा किसी धुन या गाने को गुनगुना रहे हैं तो यह गंभीर बात है. इसके लिए डॉक्टरी सलाह जरूर लें.
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