वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में आईएएस अफसरों के खिलाफ पेंडिंग शिकायतों के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य शासन का जवाब सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया है कि चार सप्ताह के भीतर शेष दो लोगों के खिलाफ राज्य सरकार पेंडिंग शिकायतों का निराकरण करे. राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र की प्रति ईमेल के माध्यम से याचिकाकर्ता को भेजी जाए. प्रकरण की अगली सुनवाई अगस्त के पहले सप्ताह में होगी.

मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस रजनी दुबे की बेंच में हुई. शपथ पत्र में राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि चार लोगों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी, जिसमें जीआर सुरेंद्र तात्कालिक अतिरिक्त कलेक्टर गरियाबंद और भीम सिंह तात्कालिक एसडीएम पेंड्रा रोड बिलासपुर के विरुद्ध जांच अब भी पेंडिंग है. अलेक्स पॉल मेनन तात्कालिक कलेक्टर बलरामपुर रामानुजगंज और भुवनेश यादव तात्कालिक डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर विभाग के विरुद्ध शिकायत समाप्त कर दी गई है.

बता दें कि चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में मांग की है कि छत्तीसगढ़ के 45 आईएएस के विरुद्ध कई वर्षों से लंबित शिकायतों का निराकरण करने के संबंध में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट दिशा निर्देश जारी करे. याचिका के अनुसार 16 दिसंबर 2015 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायक देवजी भाई पटेल ने प्रश्न पूछा था. तात्कालीन मुख्यमंत्री ने बताया था कि 17 नवम्बर 2015 तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के 45 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत लंबित है.

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