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कुंदन कुमार, पटना. दिल्ली की साउथ एवेन्यू कोर्ट में आज सोमवार (17 फरवरी) को लैंड फॉर जॉब मामले की सुनवाई होगी. इससे पहले यह सुनवाई 7 फरवरी को होने वाली थी, जो टल गई. इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत उनके परिवार के पांच सदस्य आरोपी हैं. बता दें कि 30 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में दो अधिकारियों पर केस चलाने की मंजूरी दी थी, जिनमें पूर्व आईएएस अधिकारी आरके महाजन का नाम भी शामिल है. महाजन उस दौरान रेलवे बोर्ड की में कार्यरत थे, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे.
लालू से पूछे गए थे 50 से अधिक सवाल
इससे पहले इस केस में 16 जनवरी को सुनवाई हुई थी, जब कोर्ट ने रेलवे अधिकारी के खिलाफ केस चलाने की अनुमति नहीं दिया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने 20 जनवरी 2024 को दिल्ली और पटना में लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से लंबी पूछताछ की थी. प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों अनुसार लालू से 50 से अधिक सवाल पूछे गए थे, जिनका जवाब उन्होंने ज्यादातर हां या ना में दिया था. पूछताछ के दौरान कई बार लालू नाराज भी हो गए थे.
तेजस्वी से 11 घंटे तक पूछताछ
वहीं, तेजस्वी यादव को 30 जनवरी से करीब 10 से 11 घंटे पूछताछ की गई थी. लालू परिवार की पांच सदस्यों को अक्टूबर में इस मामले पर जमानत भी दी गई थी. अब देखना है कि राउज एवेन्यू कोर्ट में लैंड फॉर जॉब मामले में जो आज सुनवाई होने वाला है. उसमें क्या कुछ निकल कर सामने आता है. इस केस में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं.
सभी आरोपियों को मिली थी जमानत
बता दें कि इससे पहले लैंड फॉर जॉब मामले में 7 अक्टूबर 2023 को हुई सुनवाई में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत मिल गई थी. राउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी को 1-1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. साथ ही सभी से पासपोर्ट सरेंडर करने का निर्देश दिया था. वहीं, 20 जनवरी 2024 को ED की दिल्ली और पटना टीम ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी. जबकि तेजस्वी यादव से 30 जनवरी को 11 घंटे तक पूछताछ की गई थी.
नौकरी के बदले जमीन का मामला
आपको बता दें कि यह पूरा मामला रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन लेने से जुड़ा हुआ है. इसमें लालू परिवार के अलावा कुछ कंपनियों के भी शामिल होने की बात सामने आई हैं. इन कंपनियों के नाम मेसर्स एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड हैं. राजद सुप्रीमो लालू यादव समेत उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव भी इस मामले में आरोपी हैं.
लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुआ था घोटाला
यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है. उस समय लालू यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को गुपचुप तरीके से रेलवे के ग्रुप डी पदों पर नौकरी दी और इसके बदले उनसे अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीनें लिखवा लिया.
2021 में शुरू हुई थी जांच
लालू यादव पर आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई. वहीं, तेजस्वी यादव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ रुपये का बंगला बेहद सस्ते दाम में खरीदा था, जो कथित रूप से रेलवे में नौकरी पाने वाले एक उम्मीदवार से लिया गया था.
जांच एजेंसी का दावा है कि जिन उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, उनके परिवार के सदस्यों ने लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम जमीन की रजिस्ट्री करवाई. ये प्लॉट्स नाममात्र की कीमत पर नकद भुगतान कर खरीदे गए. इस मामले की प्रारंभिक जांच 2021 में शुरू हुई और बाद में इसे आधिकारिक केस में बदल दिया गया.
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