कुमार इंदर, जबलपुर: रेप सर्वाइवर बच्ची को फ्री एजुकेशन मामले में सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब पेश किया। सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार विभिन्न मदों से पीड़िता और उसके परिवार को मदद कर चुकी है। बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्ची और उसकी बहन के निशुल्क पढ़ाई का आश्वासन दिया था।

रेप पीड़िता को सरकार की ओर से निशुल्क एजुकेशन मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें सरकार द्वारा पेश जवाब बेहद हैरान कर देने वाला था। दरअसल सरकार की तरफ से पेश किए गए जवाब में यह कहा है कि, पीड़ित बच्ची और उसके परिवार को इस संदर्भ में सरकार द्वारा काफी मदद और सहायता राशि दी जा चुकी है। पीड़ित और उसके परिवार के बैंक अकाउंट में काफी राशि उपलब्ध है। लिहाजा पीड़िता और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक है। अब मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी।

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कॉस्ट लगने के बाद सरकार ने HC में पेश किया जवाब

मामले में हाई कोर्ट द्वारा कई बार सुनवाई के बावजूद सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा था। इसी बात को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पिछले सुनवाई में हाईकोर्ट ने शासन पर 25000 की कॉस्ट लगाई थी और यह कहा था कि अगली सुनवाई में सरकार स्पष्ट जवाब पेश करें कि वह रेप पीड़िता बच्ची की निशुल्क पढ़ाई को लेकर क्या कर रही है।

क्या था पूरा मामला?

मंदसौर जिले में जून 2018 को सात साल की बच्ची का स्कूल से दो लोगों ने अपहरण कर रेप किया था जिसके बाद सरकार ने पीड़िता और उसकी बहन को पढ़ाई के लिए इन्दौर के एक निजी स्कूल में एडमिशन करवाया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़िता और उसके परिवार से वादा किया था कि सरकार पीड़िता और उसकी बहन की शिक्षा का ख्याल रखेगी। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने इंदौर कलेक्टर और जिला शिक्षा विभाग को फीस के 14 लाख रुपये बकाया का नोटिस भेजा था।

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हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सरकार से मांगा जवाब

नोटिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने जवाब दिया था कि, प्रवेश के लिए सरकार द्वारा स्कूल को दिए गए पत्र में यह उल्लेख नहीं किया गया था कि फीस का भुगतान कौन करेगा जिसके बाद ये खबर मीडिया और अखबार में आने के बाद हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सरकार से जवाब मांगा था।

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