रायपुर./बिलासपुर. रायपुर में दूषित पानी पिलाए जाने के मामले मैं छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में मुख्य न्यायधीश टीबी राधाकृष्णन एवं न्यायमूर्ति शरद कुमार की युगलपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिवक्ता अनिमेष तिवारी ने कोर्ट को बताया कि नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल अर्थात राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र जो कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्य करता है कि रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र नेशनल की रैपिड रिस्पांस टीम ने रायपुर के नयापारा और तेलीपारा वार्ड क्रमांक 27 और 39 में सर्वे किया था.
जिसमें 17 से 50 वर्ष की उम्र के लोग प्रभावित पाए गए. 97 खून के सैंपल की जांच में 58 में पीलिया पाया गया तथा 38 खून के सैंपल में 28 में हेपेटाइटिस ई पाया गया. पानी के सैंपल जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज भिजवाए गए जो कि बैक्टीरिया होने के कारण पीने योग्य नहीं पाया गया. रैपिड रिस्पांस टीम ने मार्च के अंत में अपनी रिपोर्ट दी थी. नगर पालिका निगम की तरफ से आज बताया गया कि नहर पारा क्षेत्र में 31 टैंकरों से पानी प्रदान किया गया है.
गुंडरदेही के गांव कुठेरी की भी रिपोर्ट…
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की रैपिड रिस्पॉन्स टीम ने गुंडरदेही के ग्राम कुठेरी में 72 प्रकरण में accute डायरिया पाया गया. जिसका संभावित कारण घरों में जा रही पाइप लाइन में लीकेज है. गौरतलब है कि पानी में ईकोलाई पाए जाने पर accute डायरिया भी हो सकता है. कोर्ट ने आदेशित किया कि प्रकरण में कल भी सुनवाई जारी रहेगी. बालोद जिले के गुंडरदेही ब्लॉक के गांव कुठेरी के संबंध में उचित निर्देश दिए जा सकते हैं.