वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. हाईकोर्ट में आज रायपुर के बहुचर्चित सूदखोर तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज 7 FIR पर सवाल उठाते हुए रायपुर एसपी से पूछा कि किस आधार पर एक साथ इस तरह का केस दर्ज किया गया है। कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत शपथपत्र के साथ दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

बता दें कि रायपुर के तेलीबांधा और पुरानी बस्ती थाने में सूदखोर वीरेंद्र तोमर व उसके भाई रोहित तोमर पर एक्साटर्शन और सूदखोरी का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने उसके घर में दबिश दी तब चेक और जमीनों के दस्तावेज मिले। जांच में यह पता चला कि मामला आर्गेनाइज क्राइम से जुड़ा हुआ है। लिहाजा पुलिस ने तोमर बंधुओं के खिलाफ अलग-अलग 7 एफआईआर दर्ज कर सख्ती से कार्रवाई शुरू कर दी।

इस कार्रवाई के दौरान वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर पुलिस की गिरफ्तारी के डर से फरार हो गए। पुलिस के अनुसार रोहित ने अपनी पत्नी भावना के नाम से ऑफिस खोला था, जहां से सूदखोरी का धंधा ऑपरेट करता था। दो माह से पुलिस उनकी तलाश कर रही है। साथ ही दोनों हिस्ट्रीशीटर भाइयों की जानकारी देने पर रायपुर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया है।

पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए तोमर बंधुओं ने वकील सजल गुप्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने पुलिस पर दबाब और दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें सूदखोरी और आर्गेनाइज क्राइम जैसे केस में फंसाया गया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केस डायरी तलब किया था।