कृष्णा रंजन दीवान. नगरी(धमतरी). इस परिवार की दर्द की दास्ताँ सुनकर कैबिनेट को भी सरकारी नियम शिथिल करना पड़ गया. अब खुशी के मारे बेटी दिव्या की आँखें छलक पड़ी है. बता दें कि बेटी दिव्या सोनी के पिता रतनलाल सोनी वन परिक्षेत्र नगरी में वन रक्षक के पद पर पदस्थ थे. उनकी आकस्मिक मृत्यु के बाद उनके जगह पर उनकी पत्नी ललिता सोनी को धमतरी वनमंडल में सहायक ग्रेड-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी.
लेकिन इस बीच ललिता सोनी को भी ब्रेन टयूमर की गंभीर बिमारी ने जकड़ लिया और आंखों की रोशनी भी दिखाई देना बंद हो गया. जिसकी वजह से उनका दफतर आना जाना ही बंद हो गया. वही मां की बिमारी के चलते घर की माली हालात भी बिगड़ गई थी. चूँकि परिवार में ललीता सोनी के तीन बेटी है, जो उन पर ही निर्भर थी. वही ललीता सोनी के तबियत बिगड़ने से घर की आर्थिक स्थिति चरमरा गई.
लिहाजा बीमारी से पीडित महिला ने स्थनीय विधायक श्रवण मरकाम और पार्षद बलजीत छाबड़ा की मदद से सूबे के सीएम गुहार लगाई लगाकर अपनी पीड़ा बताई…..साथ ही उनकी बेटी को उनके स्थान पर अनुकंम्पा नियुक्ति दिलाने की मांग की. जिस पर केबिनेट के बैठक में यह ऐतहासिक फैसला लिया गया.
बहरहाल अनुकंपा नियुक्ति से दिव्या बेहद खुश है और अब नौकरी के जरिए अपनी मां का इलाज कराएगी. बता दें कि कैबिनेट में यह फैसला महीने भर पूर्व ही ले लिया गया था. चूँकि औपचारिक और कागजी प्रक्रिया के बाद बेटी दिव्या सोनी ने अब जाकर जॉइनिंग ली है. बेटी दिव्या के आँखों में अब खुशी के आँसू साफ़ झलक रहे थे.