मथुरा. भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी ने मथुरा में विकास कार्यों को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि
जब से मैं 2014 में सांसद बनी, मथुरा में बहुत विकास हुआ है. पहले इतनी भीड़ नहीं होती थी, लेकिन अब लोगों की संख्या बढ़ रही है. क्योंकि यहां विकास हुआ है. हेमा मालिनी ने कहा कि तीर्थनगरी मथुरा-वृंदावन में सड़क, बिजली, पर्यटन और मंदिरों के सौंदर्यीकरण जैसे अनेक कार्य किए गए हैं. जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है.
बता दें कि बांके बिहारी कॉरिडोर (Shri Banke Bihari Corridor) विवाद को लेकर भी हेमा मालिनी का बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था कि “मुझे बहुत खुशी हुई कि सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी कॉरिडोर बनाने के आदेश दे दिए हैं क्योंकि बांके बिहारी के दर्शन के लिए दिन-प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है, जिससे श्रद्धालु दर्शन भी नहीं कर पाते. ऐसे में दुखी समाचार बार-बार सुनने को मिलते है. इससे सभी को फायदा ही होने जा रहा है. हमारी सरकार सभी को देखते हुए काम करती है. गोस्वामी समाज जो मंदिर में पूजा-पाठ करते हैं और रख रखाव का कार्य करते हैं, उन्हें भी इससे फायदा है. मेरा अनुरोध है कि इस काम को हरी झंडी दिखाएं, इसे रोके नहीं”.
इसे भी पढ़ें : राधे-राधे…! प्रेमानंद महराज से मिले ब्रजेश पाठक, सेवा और समाजिक उत्थान को लेकर किया संवाद
यूपी सरकार ने हाल ही में बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए 150 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है. इसके बाद सरकार ने हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल कर कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण करने और मंदिर कोष में जमा राशि का उपयोग करने की अनुमति मांगी थी कोर्ट ने मंदिर के बैंक खाते में जमा धन का कॉरिडोर बनाने में उपयोग की अनुमति नहीं दी है. हालांकि HC ने सरकार को कॉरिडोर बनाने में बाधा बने अतिक्रमण को हटाने की अनुमति दे दी है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि सरकार अपनी प्रस्तावित योजना के साथ आगे बढ़े, लेकिन यह भी सुनिश्चित करें कि दर्शनार्थियों को दर्शन में बाधा न आए.
कॉरिडोर का निर्माण गैर जरूरी
गौरतलब है कि बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित कॉरिडोर (Shri Banke Bihari Corridor) मामले में याची अनंत शर्मा, मधुमंगल दास और अन्य की ओर से दाखिल की गई है. मंदिर के पुजारियों ने कॉरिडोर निर्माण को गैर जरूरी बताया था. चढ़ावे और चंदे की रकम देने से साफ इनकार किया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सरकार की कॉरिडोर बनाए जाने की योजना को मंजूरी दे दी है, लेकिन मंदिर से जुड़े हुए लोगों की मांग को मानते हुए चढ़ावे और चंदे की रकम का इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगा दी थी.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें