नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने बाटला हाउस एनकाउंट केस में शामिल आतंकी आरिज खान की मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया है. वर्ष 2008 में दिल्ली में हुई सिलसिलेवार बम विस्फोट के बाद दिल्ली पुलिस के साथ आतंकियों की मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे.

दिल्ली में वर्ष 2008 को आतंकियों ने सिलसिलेवार बम विस्फोट किया था, जिसमें 39 लोग मारे गए थे, जबकि 159 घायल हुए थे. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने इन विस्फोटों में शामिल आतंकवादियों की तलाश में सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर बाटला हाउस में आतंकियों के छिपने के स्थान पर छापा मारा था.

छापामारी के दौरान आतंकियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की जान चली गई थी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आतिफ आमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे, वहीं आरोपी शहजाद अहमद को गिरफ्तार किया गया था. मुठभेड़ के दौरान आरिज भाग गया था, जिसे वर्ष 2018 में नेपाल से गिरफ्तार किया गया था.

निचली अदालत ने 15 मार्च 2021 को आरिज खान को मृत्युदंड सुनाते हुए साथ में 11 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था. फैसले के बाद निचली अदालत ने हाई कोर्ट को मौत की सजा की पुष्टि के लिए भेज दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई और सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद बीते 18 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित किया था.

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने शुक्रवार को अपने फैसले में आरिज खान की सजा को बरकरार रखा है. हालांकि, मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है.