हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर में कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए कलेक्टर ने अचानक लॉकडाउन लगा दिया था. कलेक्टर के इस फैसले को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी. हाईकोर्ट ने लगाए गए टोटल लॉकडाउन पर नाराजगी जाहिर करते हुए आदेश दिया कि कलेक्टर संशोधित आदेश जारी करें एवं सुनिश्चित करें कि फल, सब्जी और किराना की बिक्री पर प्रतिबंध न लगाया जाएगा.

बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में इस आदेश को याचिकाकर्ता चंचला गुप्ता की ओर से अधिवक्ता अभिनव मल्होत्रा ने जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कलेक्टर ने इंदौर में फल, सब्जी एवं किराना तक की बिक्री पर रोक लगा दी थी. चीफ जस्टिस मो. रफीक, जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इंदौर कलेक्टर को लोक हित को ध्यान में रखते हुए नए आदेश जारी करने को कहा है.

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इंदौर में इस तरह के लगाए गए सख्त लॉकडाउन पर सियासत भी हो चुकी है. इस कर्फ्यू को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कलेक्टर के इस फैसले को तानाशाही बताया था. विजयवर्गीय ने ट्वीट करके कहा था कि आखिर क्या ज़रूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की, जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिए, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिए.

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