रायपुर। आबकारी विभाग में पदस्थ मुख्य आरक्षक की ओर से अपने ट्रांसफर को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में दायर रिट याचिका दायर की थी. जिस पर न्यायालय ने 27 जुलाई को फैसला सुनाते हुए आरक्षक के ट्रांसफर पर स्टे लगा दिया है.

शान्ति विहार, डगनिया जागेश्वर प्रसाद वर्मा आबकारी विभाग में मुख्य आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं. आबकारी विभाग के सचिव ने एक आदेश जारी कर जागेश्वर वर्मा का ट्रांसफर जिला-रायपुर से जिला-धमतरी कर दिया था. उक्त स्थानांतरण आदेश के खिलाफ जागेश्वर प्रसाद वर्मा ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और लक्ष्मीन कश्यप के जरिए हाईकोर्ट बिलासपुर के सामने रिट याचिका दायर कर ट्रांसफर आदेश को चुनौती दी थी.

गंभीर बिमारी से ग्रसित है याचिकाकर्ता की बेटी

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और लक्ष्मीन कश्यप की ओर से हाईकोर्ट के सामने ये दलील दी गई कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2022 में एस.के. नौशाद रहमान और अन्य विरूद्ध यूनियन ऑफ इण्डिया और अन्य के वाद में यह सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि यदि किसी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी के परिवार में कोई अत्यंत गंभीर समस्या है या परिवार का कोई सदस्य अत्यंत गंभीर बीमारी से ग्रस्त है तो उन्हें गृह जिले या इच्छित जिले में पदस्थापना का पूर्ण प्रयास किया जायेगा। चूंकि याचिकाकर्ता की पुत्री अत्यंत गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और उसका रामकृष्ण केयर हास्पिटल, रायपुर में इलाज चल रहा है, चूंकि याचिकाकर्ता की उम्र 58 वर्ष है और यदि उसे जिला धमतरी में ज्वाइन करना पड़ता है, चूंकि धमतरी नक्सली प्रभावित/अनुसूचित जिला है और याचिकाकर्ता की उम्र बहुत अधिक है और उनकी पुत्री पूर्ण रूप से याचिकाकर्ता पर आश्रित है, यदि याचिकाकर्ता द्वारा स्थानांतरित स्थल पर ज्वाइन किया जाता है तो उसे पुत्री के ईलाज में काफी असुविधा होगी.

कोर्ट ने लगाया स्टे

सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की पुत्री की गंभीर बीमारी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एस.के. नौशाद रहमान में पारित न्याय निर्णय के आधार पर याचिकाकर्ता का जिला -रायपुर से जिला-धमतरी (अनुसूचित जिला) किए गए स्थानांतरण आदेश पर स्थगन (स्टे) कर दिया गया.

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