शैलेष पाठक, बिलासपुर। महिला आयोग में कार्यकाल खत्म होने से पहले ही तीन सदस्यों को हटाए जाने के मामले में उच्च न्यायालय ने आयोग के सचिव को नोटिस जारी किया है. इसमें उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना व अवमानना की कार्यवाही की बात कही गई है.

उच्च न्यायालय ने  2 मई 2019 को आयोग की तीन सदस्यों को कार्यकाल समाप्त होने के पूर्व के बर्खास्त किए जाने के आदेश को दरकिनार करते हुए बर्खास्तगी दिनांक से समस्त बकाया देयकों को प्रदान कर पुनर्स्थापित करने का आदेश पारित किया था. एकल पीठ के इस आदेश पर शासन ने रिट अपील में भी चुनौती दी थी, जिसे युगल पीठ ने खारिज कर दिया था.

युगल पीठ के याचिका खारिज किए जाने के बाद भी बकाया का भुगतान नहीं किए जाने से क्षुब्ध पदमा चंद्राकर ने उच्च न्यायालय के एकल पीठ में अवमानना याचिका दायर की. इस याचिका पर पीठ ने शुक्रवार को राज्य महिला आयोग के सचिव अभय देवांगन को नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनके विरुद्ध उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना एवं अवमानना की कार्यवाही की जाए.