कुमार इंदर, जबलपुर। बिना ठोस वजह बताए आशा कार्यकर्ता अंजलि जायसवाल को बर्खास्त करने के मामले में आज जबलपुर हाईकोर्ट ( Jabalpur High Court) में सुनवाई की गई। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, सतना कलेक्टर और अन्य को नोटिस जारी करते हुए मामले में जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट ने अपने नोटिस में पूछा है कि, आंखिर आशा कार्यकर्ता के ऊपर एक पक्षी कार्रवाई क्यों ही गई। हाई कोर्ट ने नोटिस में यह भी पूछा है कि, आखिर इस मामले में आशा कार्यकर्ता को अपना पक्ष रखने के लिए मौका क्यों नहीं दिया गया, हाईकोर्ट ने नोटिस का 1 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।
आपको बता दें कि आशा कार्यकर्ता 2013 से सतना जिले के मैहर तहसील में अपनी सेवाएं दे रही है। जिसने साल 2018 में स्वास्थ्य खराब होने के चलते मेडिकल लीव लिया था। इसी एजह से आशा कार्यकर्ताओं को बिना बताए, बिना नोटिस भेजे बर्खास्त कर दिया गया, आशा कार्यकर्ता ने इस मामले की शिकायत जिले के कलेक्टर समेत तमाम अधिकारियों से की लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं की गई लिहाजा आखिर में आशा कार्यकर्ताओं ने हाईकोर्ट का रुख किया और आज मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जिम्मेदारों से मामले में जवाब मांगा है।
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