नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन को लेकर केरल उच्च न्यायालय ने बड़ी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर ED मुझे समन भेजती है, तो मुझे भी जाना होगा. कोई भी किसी से भी ऊपर नहीं है. समन का जवाब दें. अगर किसी को जांच एजेंसियां समन भेजती हैं, तो उन्हें पेश होना ही चाहिए.

दरअसल, केरल हाईकोर्ट के जस्टिस देवन रामचंद्रन ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि भले ही कोई व्यक्ति किसी भी पद पर हो, लेकिन अगर ईडी ने तलब किया है, तो उसे जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्लीज ED का सहयोग करें. वो आपके खिलाफ जो ऐक्शन लेंगे, उसे मैं नियंत्रित करूंगा. ED के सामने पेश हो और यहां वापस आएं. मैं आपकी मदद करूंगा.

जस्टिस रामचंद्रन ने कहा, समन से बचे नहीं. यह बात सिर्फ इस मामले में ही नहीं, बल्कि मेरी एक राय है. सुप्रीम कोर्ट भी कहता है कि जब जांच अधिकारी समन भेजते हैं, तो हम उनसे बच नहीं सकते. हम सभी नागरिक हैं. अगर ED मुझे समन भेजती है, तो मुझे भी जाना होगा. कोई भी किसी से भी ऊपर नहीं है. प्लीज समन का जवाब दें.

बताया जा रहा है कि ई-कॉमर्स कंपनी ‘वेबमेप ट्रेडर्स’ चलाने वाले प्रशांत पी नायर ने एक याचिका दाखिल की थी. इसमें कहा गया था कि उनकी कंपनी साल 2020 से ‘हाईरिच ऑनलाइन शॉपी’ को अकाउंटिंग कंसल्टेंसी की सेवाएं दे रही थी. दोनों कंपनियों के बीच बड़े लेनदेन हुए, लेकिन अगस्त 2022 में एग्रीमेंट रिन्यू नहीं होने के चलते लेनदेन बंद हो गए. इसके बाद हाईरिच की ED ने जांच शुरू की और नायर के बैंक खाते फ्रीज कर दिए और उन्हें समन जारी किए गए.

इसके बाद नायर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और बैंक खातों को बहाल करने की मांग की. रिपोर्ट में ED के हवाले से बताया गया है कि जब नायर को तलब किया गया, तो उन्होंने पेश होने में असुविधा की बात कही. गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की सहमति से नायर को 12 मार्च को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के निर्देश दिए थे. साथ ही इस संबंध में 19 मार्च तक कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा गया है.