कुमार इन्दर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में कोरोना मरीजों को दिए जाने वाले नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में आरोपी सरबजीत सिंह मोखा की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी के साथ मोखा की जमानत याचिका खारिज की है.
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हाईकोर्ट ने आरोपी सरबजीत सिंह मोखा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि महामारी के दौरान नकली रेमडेसिविर का इस्तेमाल घृणित कार्य है. याचिका पर जस्टिस सुजय पॉल एवं जस्टिस अनिल वर्मा की डिवीजन बेंच ने टिप्पणी की. मोखा पर 5 जुलाई को कलेक्टर ने एनएसए की कार्रवाई की थी. जिसको लेकर मोखा ने एनएसए के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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दरअसल, सरबजीत सिंह मोखा जबलपुर ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मास्टरमाइंड है जो फिलहाल जेल में है. नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में सरबजीत सिंह मोखा के तार गुजरात से जुड़े थे. सरबजीत सिंह मोखा सिटी अस्पताल का संचालक और वीएचपी का जबलपुर जिलाध्यक्ष था.
बता दें, गुजरात के सूरत से बड़े पैमाने पर नकली रेमडेसिविर मध्यप्रदेश के अस्पतालों में पहुंचे थे. इस कारण कई कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी. जबलपुर के सिटी अस्पताल में भी नकली इंजेक्शन की खेप पहुंची थी. इसी मामले में अस्पताल संचालक व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. मोखा के अस्पताल में 171 मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए थे.
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