बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सीजीपीएससी सिविल जज एग्जाम और रिजल्ट को निरस्त करने का आदेश दिया गया है. हाईकोर्ट ने पीएससी को फिर से बिना फीस लिए सिविल जज का एग्जाम कराने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच में हुई है.
प्रश्नपत्र में गड़बड़ी के चलते सिविल जज परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. साथ ही पीएससी को नए सिरे से परीक्षा लेने का आदेश दिया है.
दरअसल सीजीपीएससी के अधिकांश प्रश्नों में गलतियां थी. इसे लेकर 8 से अधिक परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. सीजीपीएससी सिविल जज की यह परीक्षा मई 2019 में हुई थी.
याचिकाकर्ता की वकील अंचल कुमार मात्रे ने lalluram.com से बातचीत में बताया कि करीब 6 महीने पहले हुई परीक्षा को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है और पीएससी को अपने व्यय पर फिर से परीक्षा कराने का आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने लगी याचिका पर सुनवाई करते हुए जज ने पाया कि प्रश्नपत्र में 70 प्रतिशत गड़बड़िया थी. जिस पर याचिका कर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए इस परीक्षा को निरस्त कर दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया है.
उन्होंने बताया कि मुख्य याचिकाकर्ता कुमार सौरभ, नुसरत तहसीन कादरी है. सिविल जज के लिए निकली 39 पदो की भर्ती के लिए करीब 8 हजार लोगों ने फार्म भरा था जिसमें से 47 सौ लोगों ने परीक्षा दी थी.
बता दें कि हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर कहा गया था कि पीएससी ने मॉडल आंसर में की गई आपत्ति के बावजूद गलत उत्तर के आधार पर नतीजे जारी किए हैं. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 6 फरवरी 2019 को विधि एवं विधायी कार्य विभाग के अंतर्गत सिविल जज (प्रवेश स्तर) के 39 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. 7 मई 2019 को ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा हुई थी.