बिलासपुर. शिक्षाकर्मियों को हाईकोर्ट की ओर से एक बड़ी राहत देते हुए प्रदेश के 95 शिक्षाकर्मियों एस्मा से राहत दिला दी है. इन 95 शिक्षाकर्मियों पर साल 2011 में एस्मा लगाया गया था. उसके बाद से ही यह मामला हाईकोर्ट मे चल रहा था. शिक्षाकर्मियों पर एस्मा लगाये जाने के मामले के हाईकोर्ट ने कई बार सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया था.लेकिन बार बार कहने के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नही दिया गया. जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने इस मामले को समाप्त कर दिया है.
प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि बिलासपुर के शिक्षाकर्मी और छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री वासुदेव पाण्डेय ने शिक्षाकर्मियों पर दर्ज हुए एस्मा प्रकरण को लेकर 22 नवंबर 2011 को एक याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी. यह याचिका अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से दाखिल की गई. जिसका रीट पिटीशन नम्बर 6969/2011 है. इस याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस देते हुए कोर्ट ने स्पष्टीकरण मांगा गया था. लेकिन सरकार के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया. हाईकोर्ट के द्वारा शासन को जवाब पेश करने के लिए कई बार समय दिया. इसके बाद भी सरकार की ओर किसी प्रकार का कोई जवाब न्यायालय में नहीं दिया गया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने उस मामले को स्वत: समाप्त कर दिया.
याचिका में कहा गया था कि जब शासन शिक्षाकर्मियों को शासकीय सेवक नहीं मानता तो उनके खिलाफ एस्मा कैसे लागू होगा और यदि एस्मा लागू होता है तो फिर शिक्षाकर्मी शासकीय कर्मचारी घोषित किए जाएं. यही कारण है कि शासन इस प्रकरण में शुरुआत से जवाब देने से बचती रही और पेशी दर पेशी मामला आगे खिसकता चला गया. लगातार नोटिस के बाद भी जब सरकार के द्वारा कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तो हाईकोर्ट ने मामले का खात्मा करते हुए कहा कि एस्मा का प्रकरण 6 माह रहता है और उसके बाद स्वत: समाप्त हो जाता है. बहरहाल लंबे समय से पेशी काट रहे शिक्षाकर्मियों के लिए यह एक बड़ी राहत है.