अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी 7 दिन के लिए भारत दौरे पर हैं. इस दौरान जब वह अफगानिस्तान के दूतावास से प्रेस कांफ्रेंस करने वाले थे तो झंडे को लेकर विवाद खड़ा हो गया. विदेश मंत्री की टीम और दूतावास स्टाफ के बीच जमकर बहस हुई है. अंत में विदेश मंत्री की टीम को झुकना पड़ा और दूतावास स्टाफ की बात माननी पड़ी है.

क्या है पूरा मामला ?

बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी दूतावास में एक प्रेस कांफ्रेस संबोधित करने वाले थे. इस दौरान वहां तालिबान के इस्लामिक अमीरात सरकार का झंडा लगाया जाने लगा, इस पर दूतावास स्टाफ ने आपत्ति जताई और कहा कि इस झंडे को अभी तक भारत सरकार ने मान्यता नहीं दी है, लिहाजा इसे नहीं लगाया जा सकता है. इस मामले को लेकर दोनों पक्ष के बीच जमकर बहस हुई.

बता दें कि अभी भी दिल्ली में मौजूद अफगानिस्तान के दूतावास में अफगानिस्तान की पुरानी सरकार का ही झंडा लगा हुआ है, उसे तालिबान की सरकार के नए झंडे से नहीं बदला गया है. अंत में दूतावास के स्टाफ अपनी बात पर अड़े रहे और झंडा नहीं लगाने दिया.

महिला पत्रकारों की एंट्री पर बैन पर भी विवाद

अफगान दूतावास में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में महिला पत्रकारों की संख्या शुन्य थी. इतना ही नहीं, 20 से भी कम पत्रकारों को एंट्री मिली थी. बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में भागीदारी का फैसला विदेश मंत्री मुत्तकी के साथ आए तालिबान के अधिकारियों ने लिया था. उन्होंने बताया कि भारतीय अधिकारियों ने संदेश दे दिया था कि महिला पत्रकारों को भी शामिल किया जाना चाहिए.

तालिबान प्रशासन के अंदर महिलाओं के अधिकारियों को खत्म किए जाने पर संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अफगान महिलाओं को कार्यबल में शामिल होने के अवसरों से वंचित किया जा रहा है और वे पुरुष रिश्तेदारों के बिना कई सेवाओं तक पहुंचने में असमर्थ हैं. इसके अलावा, लड़कियों को शिक्षा के अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m