सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रत्येक युवा को उच्च शिक्षा के सर्वसुविधासंपन्न अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से सत्र 2022-23 में 6 नवीन शासकीय महाविद्यालय और 25 नवीन अशासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए गए हैं। विभाग के प्रदेश-व्यापी विस्तार के कारण राज्य में अब कुल 9 शासकीय विश्वविद्यालय और 335 शासकीय महाविद्यालय हैं। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में कुल छात्र संख्या 3,35,139 है।

महाविद्यालय की संख्यात्मक वृद्धि के साथ-साथ अधोसंरचनात्मक विकास तथा गुणात्मक उन्नयन के प्रति भी विभाग निरंतर सचेष्ट है। फलस्वरूप, विभिन्न विषयों के 1,167 सहायक प्राध्यापक, 40 ग्रंथपाल एवं 39 क्रीड़ा अधिकारी को महाविद्यालयों में नियुक्ति देने के बाद, आगामी आवश्यकतानुसार शैक्षणिक और अशैक्षणिक नवीन पदों की यथेष्ट स्वीकृति प्रदान की गई है।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अन्तर्गत 8 स्वशासी महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली के साथ च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम सहित चारवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू किया गया है, जिसमें मूल्य आधारित शिक्षा का भी समावेश किया गया है। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता उन्नयन के निरंतर उद्यम की श्रृंखला में प्रदेश के 10 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षण की विशेष सुविधा इस सत्र से प्रदान की गई है।

शैक्षणिक संस्थाओ के गुणवत्ता-मूल्यांकन के प्रति विभागीय सजगता के कारण प्रदेश के पात्र 211 शासकीय महाविद्यालयों में 175 महाविद्यालयों का तथा 244 अशासकीय महाविद्यालयों में से 27 का नैक मूल्यांकन हो चुका है। अन्य महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन प्रक्रियाधीन है।

सामान्य तौर पर भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षक-छात्र अनुपात को आदर्श रूप से 1:20 से 1:30 के बीच रखने की सिफारिश की जाती है, जैसा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अन्य शैक्षिक निकायों द्वारा सुझाया गया है।

युक्तियुक्तकरण के तर्ज पर उच्च शिक्षा विभाग में होगी सर्जरी

इस पर उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि शिक्षक-छात्र अनुपात में सर्जरी की जाएगी। कहीं शिक्षक ज्यादा हैं, कहीं शिक्षक कम हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसलिए यह कदम उठाना जरूरी है। बाकी खाली पदों में भर्ती की जाएगी। अभी 700 पदों में भर्ती के लिए स्वीकृति मिल चुकी है।