गुजरात में भारी बारिश के चलते आम लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है। वलसाड जिले के सभी तहसील में तेज हवाएं के साथ भारी बारिश हो रही है। तेज हवा के साथ बारिश के चलते वलसाड के गरबा पंडालों को नुकसान हुआ है। आयोजकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, खेलैयाओं की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। वहीं महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों में 3,050 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। 1 जून से 29 सितंबर तक बारिश-बाढ़ के कारण 104 लोगों की मौत हो गई है।

गरबा पंडालों को नुकसान

तेज हवाएं और कड़ाके की बिजली के साथ बारिश बारिश के चलते वलसाड के गोकुल इलाका पारनेरा और कई अन्य जगहों में गरबा पंडाल को नुकसान हुआ है। वलसाड के पारनेरा हिल स्टेशन पर माताजी का मंदिर हैं। यहां गरबा खेलने के लिए भीड़ उमड़ती है, लेकिन भारी बारिश के चलते लोग वहीं फंस गए। कई जगह पेड़ और बिजली के खंबे गिरने की खबरें सामने आई हैं। गोकुल ग्रुप पंडाल में डॉम बनाया गया था। वह भी तेज हवाएं के चलते उड़ गया। इस वजह से आयोजकों ने गरबा भी रद्द कर दिया।

मोरबी में पानी से भरे गड्ढे में तीन बच्चे डूबे

मोरबी जिले में शुक्रवार दोपहर एक फैक्टरी के पास पानी से भरे गड्ढे में भाई-बहन समेत तीन बच्चे डूब गए। मोरबी तालुका थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना पनेली रोड के पास हुई। उन्होंने बताया कि कुलदीप (छह), उसकी बहन खुशबू (चार) और उनकी दोस्त प्रतिज्ञा (पांच) अपराह्न करीब तीन बजे गड्ढे के पास खेल रहे थे कि तभी यह हादसा हुआ। अधिकारी ने बताया कि स्थानीय निवासियों ने उन्हें पास के अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है।

महाराष्ट्र में 3000+ गांव डूबे

वहीं महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों में 3,050 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। 1 जून से 29 सितंबर तक बारिश-बाढ़ के कारण 104 लोगों की मौत हो गई है। नांदेड़ में सबसे ज्यादा 28 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा संभाजीनगर, बीड, हिंगोली, जालना, धाराशिव, परभणी और लातूर में लोगों की जान गई। मराठवाड़ा की 2,701 किलोमीटर सड़कें टूट गईं और 1,504 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 1,064 स्कूल, 352 केंद्र और 58 सरकारी बिल्डिंग खराब हुईं। बारिश और बाढ़ को देखते हुए महाराष्ट्र बोर्ड ने 12वीं क्लास के एग्जाम फॉर्म भरने की तारीख 30 सितंबर से बढ़ाकर 20 अक्टूबर कर दी है।

मौसम विभाग के मुताबिक, पूरे देश से मानसून की विदाई तय समय 15 अक्टूबर तक होने की संभावना है। पिछले साल भी मानसून 15 अक्टूबर को विदा हुआ था। देश में 1 जून से 30 सितंबर तक होने वाली बारिश मानसूनी मानी जाती है। इसके बाद भी छिटपुट बारिश जारी रहती है।

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