सुप्रिया पांडेय, रायपुर। राजधानी की सड़कों पर बिना मानक की एंबुलेंस दौड़ रही हैं. किसी में जीपीएस नहीं है, तो किसी में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है. इन्हीं खामियों की वजह से एंबुलेंस संचालक जांच कराने से कतराते हैं. इस पर अब परिवहन विभाग ने सख्ती दिखाते हुए जांच के लिए कैंप का आयोजन किया है.

जिले में कुल प्राइवेट और सरकारी अस्पताल मिलाकर कुल 500 के करीब एंबुलेंस परिवहन कार्यालय में पंजीकृत हैं. सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में एंबुलेंस के तौर पर मारुति वैन, बोलरो आदि वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन इन एंबुलेंस की चेकिंग नहीं होती है, जिसकी वजह से मानकों के पालन करने में एंबुलेंस संचालक कोताही बरतने लगे हैं. इस संबंध में शिकायत के बाद परिवहन मुख्यालय ने एंबुलेंस की जांच के आदेश जारी किए थे.

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जांच में 54 एंबुलेंस में कमियां पाई गई, जिन्हें सुधारने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शैलाभ साहू ने बताया कि कैंप में जांच के दौरान पाई गई खामियों को दूर कर परिवहन विभाग को अवगत कराने के लिए कहा गया है. वहीं अब तक अपने एंबुलेंस की जांच नहीं कराने वाले अस्पतालों को नोटिस जारी किया जाएगा. इसके बाद भी एंबुलेंस जांच के लिए नहीं भेजने पर पंजीयन निरस्त भी किया जा सकता है.

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