दिलेश्वर देवांगन. लोगों की सुरक्षा और दिन रात कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी अपने कंधे उठाए छत्तीसगढ़ पुलिस के कर्मचारियों को आज जर्जर आशियाने पर ही अपना दिन काटना पड़ रहा है. 1-2 नहीं बल्कि 2 दर्जन से अधिक कच्चे जर्जर मकानों में अपने परिवार के साथ रहकर पुलिस कर्मचारी अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
दरअसल बालोद मुख्यालय के पुराना बस स्टैंड में शुरुआत से ही थाना संचालित हो रहा था. जिसके चलते थाने से लगा हुआ पुलिस लाइन बनाया गया. जहां छत्तीसगढ़ पुलिस के कर्मचारी अपने परिवार के साथ रह सके. मिली जानकारी के अनुसार कच्चे मकान का निर्माण 1903 में हुआ था. जिसका औपचारिक मरम्मत कर अब तक उपयोग में लाया जा रहा है. बता दें कि खपरैल युक्त 26 पुलिस आवासीय मकान है. लल्लूराम को पता चला है कि लगभग 118 साल पहले निर्माण हुआ था और आज की स्थिति में जर्जर हो गया है जहां पुलिस कर्मचारी अपनी जिंदगी का गुजारा कर रहे हैं.
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आवास की कमी
दशकों गुजर जाने के बाद दल्ली राजहरा मार्ग पर नए थाना भवन का निर्माण हुआ और उसके आसपास पुलिस कर्मचारियों के लिए भवन भी तैयार किए गए. लेकिन आवास की तंगी के कारण 26 पुलिस कर्मचारियों सहित उनका पूरा परिवार कच्चे मकान में रहने पर मजबूर हैं.
बरसात में अधिक परेशानी
118 साल पुराने कच्चे मकान में रहने वाले पुलिस कर्मचारियों सहित उनके परिवार को बरसात के दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. खपरैल युक्त मकान के अंदर बारिश होने पर पानी टपकता है जिसके कारण कर्मचारियों को अपने निजी खर्चे से तिरपाल के सहारे आशियाने को ढकना पड़ता है.
कमजोर हो चुके पेड़ के गिरने का खतरा
पुलिस क्वार्टर में बरसों पहले लगे पीपल, बरगद के विशाल पेड़ समय के साथ कमजोर हो चुके हैं जिनकी शाखाएं प्रतिवर्ष मौसम की मार के चलते पुलिसकर्मियों के आवास के ऊपर धराशाही होती रहती है. कुछ दिनों पूर्व ही पुलिस कालोनी स्थित पीपल वृक्ष की एक शाखा गिरने से चार पुलिसकर्मियों का आवास क्षतिग्रस्त हो गया. पुलिसकर्मियों ने बताया कि विगत् एक वर्ष के मध्य ही पीपल वृक्ष की 4 शाखाएं आवास के ऊपर गिरने की घटना हो चुकी है. पीपल वृक्ष कमजोर होने की जानकारी पीडब्ल्यूडी विभाग, पुलिस विभाग तथा नगर पालिका प्रशासन को देने के पश्चात भी कमजोर वृक्ष को गिराने कोई भी ध्यान नहीं दे रहे हैं.
पेयजल की भी समस्या
पुलिस कालोनी में उचित पेयजल के लिए अब तक नल पाईपलाईन का विस्तार नहीं हो पाया है जिसके चलते बरसों पूर्व कुछ स्थान पर लगे शासकीय नल के सामने पुलिसकर्मी तथा उनके परिवार पेयजल के लिए सुबह शाम लाईन में लगे रहते हैं. एक ओर जहां पेयजल के लिए लाईन लगना पड़ता है वहीं दूसरी ओर बरसात में कमरे के अंदर चारों तरफ से पानी रिसने की समस्या का सामना करते हुए गुजर बसर कर रहे हैं.
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