क्या आपने कभी सुना है कि देवी-देवता मुर्गे, बकरे, सूअर और भेड़ की बली मांग रहे हो ? और जो उन्हें ये बलि न चढ़ा पा रहे हो उन्हें समाज बहिष्कार करने कह दिया हो. शायद नहीं, लेकिन ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर से सामने आया है, जिसकी वजह से 12 परिवार के 100 से ज्यादा लोग आज समाज से बहिष्कृत कर दिए गए है. कारण ये है कि वे देवी-देवताओं द्वारा बलि चढ़ाने के लिए मांगे गए मुर्गे, बकरे, सूअर और भेड़ की व्यवस्था नहीं कर पा रहे है.
छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर से लल्लूराम डॉट कॉम के संवाददाता राजकुमार दुबे की ये पूरी रिपोर्ट पढ़े.
ग्राम बांसला में 12 चक्रधारी परिवार के 100 से अधिक लोगों को 3 माह से सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है. जिससे न तो इनको किसी के घर रोजी मजदूरी करने दिया जा रहा है और न ही उनके घर किसी को आने दिया जा रहा है. जिससे इनके ऊपर रोजी-रोटी का संकट भी छाया हुआ है. पिछले 3 माह से मंदिर में ताला भी लगा दिया गया था, जिससे पूजा अर्चना भी बन्द हो गयी थी और क्षेत्र में यह मंदिर ख्याति प्राप्त है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भी यहां 2 बार आ चुके हैं, वहीं इसकी खबर प्रशासन को भी नहीं है.
पीड़ित पक्ष के संतुराम चक्रधारी ने बताया गढ़बांसला में पुराने समय से हमारे पूर्वज दंतेश्वरी मंदिर में पुजारी के रूप में काम करते आ रहे हैं. उनके निधन के बाद इसका दायित्व मुझे मिला था इसके बाद गांव वालों ने यह आरोप लगाया कि मंदिर में आपके पूर्वजों ने दूसरे देवी-देवता को स्थापित कर दिया है. इसके लिए अलग-अलग गांव से देवी देवता बुलाकर यह आरोप लगाया गया.
इसको लेकर आप को दंड स्वरूप बलि के रूप में 100 मुर्गे, बकरा, सूअर, भेड़ की बली हेतु मांग की गई और मंदिर की शुद्धिकरण का भी खर्चा मुझे करने कहा गया.
इस पर मैंने ग्रामीणों से कहा कि
मैं गरीब हूं इतना पैसा, सामग्री व्यवस्था नहीं कर पाऊंगा. इस पर मेरे 12 परिवारों के लगभग 100 लोगो को गांव से अलग कर दिया गया है और मेरे परिवार को कहीं काम करने दिया जा रहा है नहीं उनके घर आना-जाना किया जा रहा है.
जिसे हम पूरे गरीब परिवारों को रोजी मजदूरी की भी समस्या खड़ी हो गई है. इस बात को सुलझाने के लिए अगर बैठक हम करते हैं तो हमें 50 हजार जमा करना होगा. तभी इस पर चर्चा होगी. हमसे यह भी लिखवाया गया है. जिससे हमारे 12 परिवार बेहद परेशान हैं और दहशत के चलते हम इसकी प्रशासन से शिकायत भी नहीं कर पा रहे हैं.
बांसला मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष तिलक दरों ने कहा कि
12 परिवार को नहीं केवल दो लोग संतु और धनराज चक्रधारी को केवल देवी कार्य में शामिल होने से मना किया गया है. पुजारी संतु के पूर्वज द्वारा मंदिर में दूसरे देवी देवता को स्थापित किया था यह देवी की जांच में पता चला. इसे दूर करने के लिए कहा गया पर ध्यान नहीं दिया. इसके बाद उनके 12 परिवार एक साथ मिल गए है. दूसरे कामों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है.
सरपंच विष्णु नायक ने कहा कि
मंदिर का मामला है मैं ग्राम का जनप्रतिनिधी हूँ, मैं सबके साथ हूं यह गांव वालों का फैसला है.
कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा
बांसला में सामाजिक बहिष्कार की जानकारी मीडिया से मिल रही है. इसकी जांच कराई जाएगी. मामले में जो भी गलत होगा उन पर कार्रवाई भी होगी.