मुंबई. हॉर्लिक्स और बूस्ट का नाम हमारे देश में किसने नहीं सुना होगा. बच्चों से लेकर बड़े लोगों की पसंद इन उत्पादों की निर्माता कंपनी ग्लेक्सो स्मिथ क्लाइन (जीएसके) के हेल्थ केयर व्यवसाय को हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने कंपनी में शामिल कर लिया है. जीएसके के विलय के लिए हिन्दुस्तान यूनिलीवर ने 31,700 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.
जीएसके कंज्यूमर हेल्थकेयर इंडिया हॉर्लिक्स और बूस्ट जैसे प्रतिष्ठित ब्रांडों के अलावा अन्य उत्पादों की लंबी श्रृंखला है, हॉर्लिक्स को जीएसके ने 1930 के दशक में भारत के बाजार में उतारा था, और आज भी एक मजबूत ब्रांड के रूप में मौजूद है. एचयूएल के साथ जीएसके के विलय में जीएसके के प्रत्येक शेयर के लिए 4.39 एचयूएल शेयरों के शेयर स्वैप होगा. इसका मतलब है कि जीएसके के 100% शेयर के लिए ,7 31,700 करोड़ रुपए एचएएल का खर्च होगा. कंपनी ने कहा कि इसके साथ ही एचआईएल में यूनिलीवर की होल्डिंग 67.2% से घटकर 61.9% हो जाएगी.
एचयूएल के सीएमडी संजीव मेहता ने एक बयान में कहा कि जीएसके कंज्यूमर हेल्थकेयर इंडिया के साथ इस प्रस्तावित विलय के साथ, हम अपने ग्राहकों के पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने वाली एक नई श्रेणी में स्थापित ब्रांडों के साथ अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करेंगे. मुझे विश्वास है कि यह विलय राजस्व वृद्धि और लागत सहभागिता दोनों के माध्यम से महत्वपूर्ण शेयरधारक मूल्य बनाएगा.
उन्होंने कहा कि हमारे एफ एंड आर (फूड एंड रिफ्रेशमेंट) व्यापार का कारोबार ₹ 10,000 करोड़ से अधिक हो जाएगा और हम देश में सबसे बड़े एफ एंड आर कारोबारों में से एक बन जाएंगे. मेहता ने कहा कि लेनदेन पूरा हो जाने के बाद, हम यूनिलीवर और एचयूएल परिवार में नए ब्रांडों का स्वागत करने की उम्मीद करते हैं।