नई दिल्ली। मैं सदन में खड़ा हूं, और जिम्मेदारी से कहता हूं कि पीएम जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान दो गलतियों के कारण कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा. यह बात लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कही.

अमित शाह ने चर्चा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की दो बड़ी खामियों को गिनाते हुए कहा कि सबसे बड़ी गलती यह थी कि जब हमारी सेनाएं जीत रही थीं, तो संघर्ष विराम की घोषणा की और पीओके अस्तित्व में आ गया. युद्धविराम में तीन दिन की देरी हुई होती तो पीओके भारत का हिस्सा होता. दूसरा, हमारे मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (संयुक्त राष्ट्र) में ले जाना एक बड़ी भूल थी.

अमित शाह के इस बयान से नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी को इतने आहत हुए कि उन्होंने लोकसभा में पूरा एक दिन नेहरू की खामियों और अच्छाई पर चर्चा करने के लिए देने की बात कह डाली. इस पर अमित शाह ने बिना कोई समय गंवाए तत्काल चर्चा की चुनौती दे डाली.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है. इस कड़ी में आज दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए हैं. इन विधेयकों के जरिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लिए 24 सीटें जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 24 सीटें आरक्षित की गई हैं. इसके साथ नौ सीटें एसटी के लिए, 20 सीटें एससी के लिए आरक्षित की गईं हैं. नोमिनेटेड सदस्यों की संख्या की पांच होगी.