
प्रमोद कुमार/कैमूर: बिहार के लोक संस्कृति में शामिल होली का महत्व सबसे ज्यादा है, ऐसे पूरे भारत में होली मनाया जाता है, लेकिन यूपी-बिहार में होली का महत्व अलग है. फागुन का महीना चढ़ते ही गांव-गांव होली गवाने लगता है. लोग पूरे महीने होली में ढोल झाल मजीरा लेकर बजाते झूमते रहते है. राजनीतिक पार्टियां भी जगह-जगह होली मिलन समारोह का आयोजन करती है.
होली गीत पर झूमें
दरअसल, भभुआ में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें होली गीत गाने के लिए कई कलाकार शामिल हुए. हर्ष पटेल उर्फ विकास आगामी चुनाव में भभुआ जिला परिषद भाग 2 से ताल ठोकने को तैयार है, जिसको लेकर होली मिलन समारोह भव्य तरीके से आयोजित किया, जिसमें भभुआ नगर परिषद के सभापति विकास तिवारी उर्फ बब्लू तिवारी और कई वार्ड पार्षद शामिल हुए. उनका कहना था कि भभुआ के विकास को लेकर हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
होली मिलन समारोह
होली मिलन समारोह हो महिलाएं भाग ना ले ऐसा हो नहीं सकता. महिलाओं की टोली ने होली मिलन समारोह का आयोजन किया और एक दूसरे से रंग अबीर लगा कर बधाई दी. साथ ही होली के गीत पर खूब ठुमके लगाई. जिससे पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. बता दे कि हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व होली मना जाता है, जितने भी बिहार-यूपी के लोग जो दूसरे राज्यों में रहते है. होली में सभी अपने गांव पहुंचते है और परिवार के साथ होली पर्व मनाने के बाद ही लौटते है.
जमकर लगे ठुमके
उनके आने जाने के सुविधा के लिए कई ट्रेन चलाई जाती है. होली ऐसा पर्व है, जिसमें दोनों समुदाय के लोग शामिल होते है. दुश्मन भी होली में दोस्त बन जाते है. एक दूसरे को रंग अबीर लगा कर गले मिलते है और एक दूसरे को आशीर्वाद बधाई देते है. वहीं, भभुआ वन प्रमंडल परिसर में होली मिलन समारोह आयोजित किया गया. होली गीत पर वन कर्मी जमकर ठुमके लगा कर झूमे. सभी को होली की बधाई डीएफओ चंचल प्रकाशम ने दिया.
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