Holika Dahan : होली का त्योहार रंगों और हर्षोल्लास का त्योहार है. इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, होलिका दहन शुभ मुहूर्त में किया जाता है. होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित प्रदोष काल मुहूर्त में करने का विधान है, लेकिन जब भद्रा लगी होती है तो होलिका दहन नहीं किया जाता है. इस साल होलिका दहन का सही समय क्या है? इस विषय में बता रहे हैं बिलासपुर के रतनपुर के सिद्ध तंत्र पीठ भैरव मंदिर के ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित जागेश्वर अवस्थी. आइए जानते हैं होलिका दहन का सही समय क्या है.

पंडित जागेश्वर अवस्थी

24 मार्च रविवार को रात में 10:28 बजे भद्रा खत्म होगी, उसके बाद आप होलिका दहन कर सकते हैं. इस वर्ष 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. इसके लिए शुभ मुहूर्त देर रात 11:13 बजे से लेकर 12:27 मिनट तक रहेगा.ऐसे में होलिका दहन के लिए आपको कुल 1 घंटे 14 मिनट का समय मिलेगा. रविवार को जब आप होलिका दहन करें, तो उस समय ‘ॐ होलिकायै नमः’ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.

होलिका दहन की विधि

होलिका दहन वाले दिन शुभ मुहूर्त में होलिका के पास एक कलश स्थापित कर दें. ये कलश दक्षिण दिशा में रखें उसके बाद पंच देवताओं की पूजा करें. अब होलिका का मंत्र का जाप करते हुए पूजा करें. इस दौरान भक्त प्रह्लाद और भगवान हिरण्यकश्यप की भी पूजा करें. उसके बाद होलिका की 7 बार परिक्रमा करें और परिक्रमा के दौरान ही उसमें कच्चा सूत लपेट दें. उसके बाद नारियल, जल और अन्य पूजा सामग्री होलिका को अर्पित करें. अब होलिका दहन करें. मान्यता है कि होलिका की अग्नि में गेहूं की बालियां सेंककर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है.