रायपुर। बिना लक्षण वाले मरीजों के पाजिटिव चिन्हांकन होने के बाद उन्हें ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद जोन नोडल्स के माध्यम से घर तक दवाइयां पहुचाई जा रही हैं. डाक्टर की अनुमति के पश्चात होम आइसोलेशन की अनुमति दी जा रही है. ऐसे मामलों में लगातार जोन, ब्लॉक और जनपद में नियुक्त किये गए चिकित्सकों को ऑनलाइन कंसल्टेशन की जिम्मेदारी दी गयी है और आपात स्थिति में रिस्पांस टीम की त्वरित तैयारी की वजह से रायपुर में होम आइसोलेशन मैनेजमेंट का माडल सफल हो रहा है. हालांकि होम आइसोलेशन में इलाज के दौरान दो लोगों की मौत भी हुई है. अभी वर्तमान में 2000 से ज़्यादा मरीज़ों का इलाज चल रहा है.

जिले के एडीएम आईएएस विनीत नन्दनवार के मार्गदर्शन में इस होम आइसोलेशन सेन्टर से 14602 मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई है. इसमें से 12171 होम आइसोलेशन की अवधि पूरी कर स्वस्थ हो गए हैं. रायपुर का होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम 24 × 7 संचालित है, जहाँ ना केवल तीन आपातकालीन नम्बर के माध्यम से विशेषज्ञ डाक्टर्स द्वारा मरीजों के विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जाता है, बल्कि जरूरत पड़ने पर तत्काल असिस्टेंट नोडल अधिकारियों डॉ अंजलि शर्मा, नोविता सिन्हा, चंद्रकांत राही के माध्यम से उन्हें हॉस्पिटल या कोविड केअर सेन्टर भेजा जाता है.

इसके अलावा विशेषज्ञ कॉउंसेलर्स द्वारा प्रतिदिन टेलीकालिंग से प्रतिदिन मरीजों से उनका हाल चाल पूछा जाता है. उनका पल्स, तापमान, ऑक्सिजन लेवल, डॉक्टर से हो रही काउंसेलिंग आदि के बारे में जानकारी मांगी जाती है. उनके द्वारा बतायी गयी समस्या का निराकरण असिस्टेन्ट नोडल अधिकारियों द्वारा किया जाता है. राजस्व निरीक्षकों की टीम भी 24 घंटे कंट्रोल रूम में मुस्तैदी से किसी भी समस्या के शीघ्र निराकरण के लिए सहयोग करती है.