आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. बस्तर में धर्मांतरण का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. वहीं लंबे समय के बाद बस्तर जिले में एक परिवार का घर वापसी का मामला सामने आया है. बघेल परिवार ईसाई धर्म को अपना लिया था, जो आज समाज के साथ हुई बैठक में फिर हिंदू धर्म को अपनाया है. वहीं अब गांव में उनके परिवार में मृत महिला का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से करने की तैयारी चल रही है.
बस्तर में दशकों से चल रहे धर्मांतरण में अब विवाद की स्थिति निर्मित होती नजर आ रही है. जिस तरह से नारायणपुर में हुए दंगे के बाद यह मुद्दा पूरे छत्तीसगढ़ के अलावा देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं बस्तर के किसी भी गांव में अगर ईसाई समुदाय के परिवार में कोई मृत्यु होती है तो शव दफनाने बड़ा बखेड़ा खड़ा हो जाता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया, जो बस्तर जिले के बड़े किलेपाल तीन नंबर का है. यहां गुरुवार को ईसाई समुदाय की एक महिला की मृत्यु हो गई थी. इस मृत्यु के बाद शव को दफनाने को लेकर स्थानीय ग्रामीण और ईसाई समुदाय में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई. कल से चल रही यह विवाद आज शांत होने के कगार पर है.
दरअसल स्थानीय ग्रामीणों का कहना था कि आप वापस हमारे धर्म में आ जाओ और हमारे रीति रिवाज के साथ शव का अंतिम संस्कार करो. काफी जद्दोजहद के बाद मृत महिला के परिवार घर वापसी के लिए राजी हो गया. फिर हिंदू रीति रिवाज को अपनाने की प्रक्रिया शुरू की गई. परिवार के लोग जगदलपुर के जगन्नाथ मंदिर पहुंच शुद्धिकरण के लिए यहां से पानी लेकर गए और अब घर वापसी की प्रक्रिया गांव में चल रही है.
22 साल पहले अपनाया था ईसाई धर्म
यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव का हिंदू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. दरअसल 22 साल पहले किलेपाल 3 बिटी पारा में रहने वाले एक बघेल परिवार ईसाई धर्म को अपना लिया था. अब तक ईसाई धर्म के साथ प्रत्येक रीति रिवाज को निभाते आ रहे थे. इससे पहले भी इस परिवार में एक पुरुष की मौत हुई थी, जिसके बाद इसी तरह का विवाद सामने आया था. उस वक्त भी समाज के साथ बैठक में परिवार का बड़ा बेटा हिंदू धर्म अपनाया, जिसके बाद मृतक के शव को हिंदू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया था. आज भी यही स्थिति निर्मित हुई है.
गांव में थी तनाव की स्थिति, पुलिस बल तैनात
इस परिवार में जब दोबारा मौत हुई तो मामला गंभीर हो गया. कल से गांव में तनाव की स्थिति थी, जिसे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को गांव में तैनात किया गया था, ताकि किसी प्रकार का बड़ा विवाद ना हो. आज समाज के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मृतक परिवार जो ईसाई धर्म अपनाया है वह अपने मूल धर्म में वापस आएगा तभी मृत शरीर का अंतिम संस्कार कर पाएगा. इस पर राजी होते हुए बघेल परिवार ने घर वापसी का मन बनाया और अब हिंदू धर्म में आने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. इसके बाद हिंदू धर्म के अनुसार महिला का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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