रायपुर। आज छत्तीसगढ़ होम्योपैथी संघ के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर व स्वास्थ्य सचिव सुब्रत साहू से मिलकर प्रदेश में आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सकों की तरह ही होम्योपैथी चिकित्सकों को एलोपैथी चिकित्सा की मांग की है.

इनका कहना है कि प्रदेश में लगभग 2,000 से ज्यादा होम्योपैथिक चिकित्सक विभिन्न विभिन्न जगहों पर कार्य कर रहे हैं जिनमें से कुछ प्रमुख रुप से प्रमुख रुप से एनआरएचएम में सरकार की शासकीय योजना चिरायु में व निजी चिकित्सालय में मलेरिया के प्रोजेक्ट में एवं दूरस्थ वनांचल पर नक्सली क्षेत्रों में भी होम्योपैथी चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

इनकी दलील है कि प्रदेश में तीन होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज है जिसमें से हर वर्ष 200 सौ  चिकित्सक तैयार होते हैं इन्हीं सब की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए संघ के सदस्यों ने मांग की है कि होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी आपातकालीन स्थिति में अंग्रेजी दवाइयों के उपयोग करने की इजाजत दी जाए.

जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में होम्योपैथी चिकित्सकों को भी सरकार के साथ काम करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान होगा और बाकी दूसरी पैथियो के साथ मिलकर होम्योपैथी चिकित्सक कंधे से कंधा मिलाकर स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने में सरकार की मदद कर सकेंगे.