भोपाल. मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों हनी ट्रैप का मुद्दा काफी गरम है. हनी ट्रैप में बीजेपी से जुड़ी महिला नेता का नाम सामने आया है. हनी ट्रैप में फंसाकर अफसरों से पैसे वसूले जाते थे. सरकार पूरे मामले की जांच कर रही है.
एक सरकार को ब्लैकमेल करने की खूबसूरत साज़िश, मध्य प्रदेश में हुए वीडियो ब्लैकमेलिंग कांड में जैसे जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है. एक से बढ़कर एक सनसनीखेज खुलासे होते जा रहे हैं. ऐसे खुलासे जिससे सिर्फ पुलिस ही नहीं, अफसर, नेता, मंत्री सबकी सांसे अटकती जा रही हैं. जिन पांच हसीनाओं ने अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर अफसरों, नेताओं और मंत्रियों का अश्लील वीडियो बनाया. उन्हीं की जुबानी अब इस मामले में ऐसे ऐसे राज़ खुल रहे हैं, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
पुलिस और एटीएस की अब तक की पड़ताल से पता चला है कि इन पांच शातिर हसीनाओं ने एक दो या पांच दस नहीं बल्कि करीब 20 से भी ज़्यादा रसूखदार लोगों की रंगीन मिज़ाजी का फायदा उठाकर उनके अश्लील वीडियो बना लिए थे. इनमें सत्ताधारी पार्टी औऱ विपक्ष के कई नेताओं से लेकर कई सरकारी अफसर भी शामिल हैं. यहां तक कि इंजीनयर, कारोबारी और ठेकेदार भी इनके हुस्न के जाल से नहीं बच पाए. ख़बर है कि इन हसीनाओं ने करीब 20 से ज़्यादा नेताओं और अफसरों को अपना शिकार बनाया.
सुनकर यकीन नहीं होगा पर ख़बर है कि इन पांचों ब्लैकमेलर हसीनाओं ने एक दो नहीं बल्कि पूरे 90 ऐसे वीडियो बनाए थे, जिनमें उनके साथ क्लाइंट की रासलीला की तस्वीरें कैद हैं. खास बात ये कि इनमें 90 वीडियो में से 30 वीडियो सिर्फ नेताओं-मंत्रियों और आईएएस-आईपीएस अफसरों के हैं. पुलिस को आरोपी महिलाओं के पास से 90 वीडियो के साथ 8 सिम कार्ड्स भी मिले हैं. जिनका पूरा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. हालांकि पुलिस ने इन्हें रिकॉर्ड में नहीं लिया है. पर फॉरेंसिक जांच के लिए ये सारे सबूत लैब में भेज दिए गए हैं.
जिन 20 नेताओं-मंत्रियों और अफसरों के इन हसीनाओं ने अश्लील वीडियो बनाए. उसके बदले में बड़ी कीमत भी वसूल की गई. अभी तक की तहकीकात से पता चला है कि ये शिकारी हसीनाएं अपने शिकार से अब तक करीब 15 करोड़ की रकम वसूल कर चुकी थीं. इनमें अलग अलग शिकार से 50 लाख रुपये से लेकर 3 करोड़ तक की रकम शामिल है. यानी जिसका जितना बड़ा ओहदा और रसूख. उससे उतनी बड़ी वसूली.
खबर है कि इन ब्लैकमेलर हसीनाओं का ये डर्टी गेम कई सालों से चल रहा था. जिसमें भोपाल से लेकर इंदौर तक. नेता से लेकर नौकरशाह तक. कारोबारी से लेकर ठेकेदार तक कई रसूखदार लोग ट्रैप हो चुके थे. मामला तब खुला जब इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर को अपने जाल में फंसाने के बाद उससे तीन करोड़ की रकम मांगी गई. और इंजीनियर ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवा दी. उसके बाद पुलिस ने प्लान बनाकर पहले उस ब्लैकमेलर महिला को इंदौर बुलाया और फिर उसे दबोचने के बाद एक एक कर तीन और आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया.