किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज (cold storage) की समस्या बड़ी है, खासकर सब्जी और फल उगाने वालों के लिए. अपनी फल-सब्जी को किसी कोल्ड स्टोरेज को किराये पर रखना होता है या औने-पौने दामों पर उसे बेचना होता है. कोल्ड स्टोरेज ज्यादातर सरकारी या प्राइवेट कंपनियों के हैं. जिसमें भंडारण के लिए किसानों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है. घर पर लगाए जाने वाले इस कोल्ड स्टोरेज का नाम पूसा सनफ्रिज है. जैसा कि नाम से जाहिर है कि यह कोल्ड स्टोरेज एक फ्रिज की तरह काम करेगा जिसे सौर ऊर्जा पर चलाया जा सकेगा.

जानिए कोल्ड स्टोरेज कैसे करता है काम

यह ऐसा कोल्ड स्टोर है जो सिर्फ और सिर्फ धूप या सौर ऊर्जा से चलता है. बाहर जितनी धूप तेजी होगी, अंदर उतना ही कमरा ठंडा होगा और रेफ्रिजरेशन का काम भी तेज करेगा. इस कोल्ड स्टोर में दिन में तापमान 3-4 डिग्री तक रहता है. इसकी खासियत है कि इसे चलाने के लिए बिजली की जरूरत नहीं होती, न ही किसी केमिकट बैट्री की. इसे चलाने के लिए पानी की बैट्री बनाई गई है जो सिर्फ पानी पर चलती है और रात में जब धूप नहीं होती तो कोल्ड स्टोर को ऊर्जा देती है. गर्मियों में बाहर का तापमान जहां 39 डिग्री तक जाता है, वही अंदर यह 3 डिग्री तक होता है. इससे फलों और सब्जियों को संभाल कर रखा जा सकता है. गर्मियों में फल-सब्जियां ज्यादा तापमान नहीं झेल पाते और जल्द खराब हो जाते हैं. इससे निजात दिलाने में यह कोल्ड स्टोर कारगर साबित हो सकता है.

कोल्ड स्टोरेज बनाने में आएगा इतना खर्च

कुल खर्च की बात करें तो इसे बनाने में 4.5 लाख रुपये का खर्च आ रहा है. लेकिन किसी बड़े कोल्ड स्टोर से इसकी तुलना करें तो यह किफायती है. साथ ही किसान अगर अपने से इसे बनाने की कोशिश करे और अपनी मेहनत लगाए तो लागत बहुत कम हो सकती है. इसे लगाने में आर्थिक तौर पर बड़ी परेशानी नहीं आएगी क्योंकि सरकार की तरफ से कई क्षेत्रों में सब्सिडी दी जा रही है. सौर ऊर्जा के लिए हो या कोल्ड स्टोरेज बनाने की बात हो, सरकार इसके लिए सब्सिडी दे रही है. सब्सिडी के माध्यम से किसान इस तरह का कोल्ड हाउस बना सकते हैं और अपने उत्पाद को खराब होने से बचा सकते हैं.

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