धनराज गवली शाजापुर। मध्य प्रदेश के शाजापुर जिला अस्पताल में पदस्थ एक नर्स को अपने ही हक के पैसों के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। मामला GPF फंड से जुड़ा है।नर्स पीड़ित नर्स कृष्णा विश्वकर्मा अपनी किसी बीमारी से काफी समय से परेशान है, उसके इलाज के उन्हें पैसों की जरूरत पड़ी। जब उन्होने अपने GPF राशि की मांग अस्पताल प्रबंधन से की तो उससे रिश्वत की मांग की गई। 

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पीड़ित नर्स ने बताया कि उन्होंने चार महीने पहले से राशि निकालने का आवेदन प्रबंधन को दे रखा है। लेकिन अभी तक उसकी सुनवाई नहीं हुई है। जब उसके द्वारा राशि के बारे में पूछा गया तो उसे घुमाया जा रहा है। इससे व्यथित होकर पीड़ित नर्स ने अपने बाल तक दे दिए (सिर मुंडन करवा लिया) लेकिन अस्पताल प्रबंधन के अधिकारीयों ने उनकी एक ना सुनी।   

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इस संबंध मे नर्स CMHO डॉ. राजू निदारिया ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है।  सिविल सर्जन इसकी जानकारी दे पाएंगे। जिसके बाद नर्स सिविल सर्जन से मिलने गई तो वे बिना कुछ बोले निकल गया। मगर जाते जाते एक पत्र दे गये जिसमे लिखा है कि नर्स के खाते मे पैसे नही है, इसकी जानकारी के लिए महलेखा ऑफिस ग्वालियर को पत्र लिखा है। इसके बाद जब नर्स अपने बाल काटकर DM ऑफिस आई तो वहा भी कोई उससे नही मिला। अब अपने ही हक के पैसों के लिए नर्स भटक रही है।  

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