राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। बैगा, भारिया और सहरिया… मध्य प्रदेश की ये विशेष पिछड़ी जनजातियां प्रदेश के कितने जिलों में निवासरत हैं, तो इनकी कुल आबादी कितनी है। सरकार की ओर से इन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। जून 2024 की स्थिति में सरकार ने इसका लेखा-जोखा तैयार किया है। रिपोर्ट में सामने आया है कि 11 लाख 85 हजार 374 लोगों में से 10 हजार 726 के आधार कार्ड बनना शेष हैं, जबकि एक लाख 55 हजार 184 आबादी को जाति प्रमाण-पत्र की दरकार है।
विशेष पिछड़ी जनजातियां बैगा, भारिया और सहरिया की कुल 11 लाख 85 हजार 374 आबादी मध्य प्रदेश में निवास करती है। ये आबादी प्रदेश के 24 जिलों में निवासरत है। इस आबादी को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कई बार सरकार की ओर से मुहिम चलाई गई। इसमें इस वर्ग के आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के साथ सभी के जन-धन बैंक खाते खोले गए।
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सरकार ने जून 2024 की स्थिति में समीक्षा की तो सामने आया कि इनमें से 11 लाख 74 हजार 648 व्यक्यिों के आधार कार्ड बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 10 हजार 726 के आधार कार्ड बनना शेष हैं। 10 लाख 30 हजार 190 व्यक्तियों के जाति प्रमाण-पत्र बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 155184 जाति प्रमाण पत्र बनना शेष हैं। इसी तरह 6 लाख 25 हजार 999 आयुष्मान कार्ड बनकर तैयार हो चुके हैं।
5 लाख 46 हजार 484 व्यक्तियों के जन-धन बैंक खाते खुल चुके हैं, तो 2 लाख 97 हजार 421 राशन कार्ड से सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इस वर्ग के 86 हजार 665 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जा रहा है, तो 64 हजार 100 किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए गए हैं। 19 जिलों में करीब 147.65 लाख की लागत से 198 जन-धन विकास केंद्रों की स्थापना की जाएगी। 17 जिलों में लगभग 7500 लाख व्यय कर 284 बहुउद्देशीय केंद्रों की जाएगी।
कहां कितनी आबादी
प्रदेश के 11 जिले डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल, जबलपुर, कटनी, मैहर, सीधी और सिंगरौली के 2 हजार 569 गांव और बसाहटों में करीब 4 लाख 53 हजार 320 बैगा वर्ग के लोग निवास करते हैं। 10 जिले श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, गुना, मुरैना, दतिया, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन और भिंड में 2 हजार 617 गांव और बसाहटों में 6 लाख 86 हजार 986 सहरिया वर्ग की आबादी निवास कर रहे हैं।
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तीन जिले छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर और सिवनी में 315 गांव और बसाहटों में 45 हजार 68 भारिया जनजातीय वर्ग के लोग निवासरत हैं। सरकार की ओर से बताया गया कि इस वर्ग को रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण देकर इन्हें मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया जा रहा है। भारत सरकार के 9 मंत्रालयों की 11 अधोसंरचना और विकासमूलक गतिविधियों के जरिए प्रदेश में करीब 7 हजार 300 करोड़ की योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
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