रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में व्यापार करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए राज्य शासन ने ‘छत्तीसगढ़ नगरपालिका (व्यापार अनुज्ञापन) नियम 2025’ की अधिसूचना जारी की है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

नए नियमों के तहत अब नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में गुमटी, ठेले या वाहनों के माध्यम से कारोबार करने वालों को भी अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) लेना जरूरी होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना और व्यापार पर रोक लगाई जा सकेगी।

शुल्क दरें तय

व्यापारिक परिसरों के लिए शुल्क दरें इलाके और सड़क की चौड़ाई के अनुसार तय की गई हैं—

नगर निगम क्षेत्रों में: न्यूनतम 4 रुपये प्रति वर्गफुट प्रति वर्ष

(अगर किसी व्यापारी की दुकान 100 वर्गफुट की है और नगर निगम क्षेत्र में शुल्क दर 4 रुपये प्रति वर्गफुट प्रति वर्ष है, तो उस व्यापारी को हर साल 400 रुपये सालाना शुल्क देना होगा।)

नगरपालिकाओं में: 3 रुपये प्रति वर्गफुट प्रति वर्ष

नगर पंचायतों में: 2 रुपये प्रति वर्गफुट प्रति वर्ष

बड़े बाजारों में यह शुल्क क्रमशः 6, 5 और 4 रुपये प्रति वर्गफुट प्रति वर्ष तक हो सकता है।

वाहनों से व्यापार करने पर भी लाइसेंस जरूरी

वाहनों से व्यापार करने वालों को भी अब अनुज्ञप्ति लेनी होगी —

मिनी ट्रक, पिकअप या जीप के लिए:

नगर निगम में 400 रुपये

नगरपालिका परिषद में 300 रुपये

नगर पंचायत में 200 रुपये प्रति वाहन-प्रतिवर्ष

ऑटो और तिपहिया वाहन के लिए:

निगम में 250 रुपये, परिषद में 200 रुपये, पंचायत में 150 रुपये प्रति वर्ष

15 दिन में मिल जाएगी अनुज्ञप्ति

नियमों के अनुसार आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर अनुज्ञप्ति दी जाएगी। अगर तय समय में निर्णय नहीं लिया गया, तो इसे स्वतः स्वीकृत माना जाएगा।

नवीनीकरण व दंड प्रावधान

लाइसेंस की अवधि खत्म होने से एक वर्ष पहले नवीनीकरण अनिवार्य है। निर्धारित समय में नवीनीकरण न होने पर व्यापारिक परिसर को सील किया जा सकता है।

अन्य व्यावसायिक परिसरों के लिए अलग दरें

नगरीय निकाय में स्थित ऐसे सभी व्यावसायिक परिसर जो बाजारों में अवस्थित न हो, उसके लिए अनुज्ञप्ति शुल्क की अलग दरें होंगी. नगर निगम में 30 हजार, नगरपालिका परिषद में 20 हजार और नगर पंचायत में 10 हजार रुपए से अधिक नहीं होगी.