How to Become a Tunnel Engineer: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रही सिक्यारा टनल की वजह से आजकल टनल एक्सपर्ट और टनल इंजीनियर जैसे शब्द चर्चा में हैं. टनल इंजीनियरिंग सिविल इंजीनियरिंग का ही एक हिस्सा है. जो जियोटेक्निकल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग का एक कॉम्बिनेशन है. एक टनल इंजीनियर को मिट्टी और चट्टानों की अच्छी जानकारी होती है. ऐसे में कई युवा जानना चाहते हैं कि 12वीं के बाद टनल इंजीनियर के रूप में करियर कैसे बना सकते हैं.
क्या काम करते हैं टनल इंजीनियर?
टनल इंजीनियरों को मिट्टी और चट्टानों की अच्छी जानकारी होती है. ये सुरंग के निर्माण, डिजाइन और संभावित इंजीनियरिंग कार्यों की रूपरेखा तैया करते हैं. नहर प्रवाह, रेल परिवहन, पैदल यात्रा के लिए सुरंगों का निर्माण किया जाता है. ऐसे में टनल इंजीनियर परियोजना के लिए निविदा दस्तावेज तैयार करते हैं. ठेकेदारों को मार्गदर्शन देते हैं, कठोर और नरम चट्टान की स्थिति में निर्माण में आने वाली समस्याओं का समाधान करते हैं.
कौनसा कोर्स करें?
टनल इंजीनियरिंग सिविल इंजीनियरिंग का एक हिस्सा है. इसमें जियोटेक्निकल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग को जोड़ा गया है. इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए उम्मीदवार सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद टनल कंस्ट्रक्शन में विशेषज्ञता (स्पेशलाइजेशन) कोर्स कर सकते हैं. आप जियालोॉजिकल इंजीनियरिंग या माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स भी कर सकते हैंस्नातक के बाद स्नातकोत्तर डिग्री हासिल करने के बाद भी उम्मीदवार इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं.
कितना मिलता है वेतन?
टनल इंजीनियर को नौकरी के बेहतर अवसर और अच्छा वेतन मिलता है. शुरुआती तौर पर इंजीनियरों को 8 से 10 लाख रुपये सालाना वेतन मिल सकता है. अनुभव बढ़ने के बाद वेतन भी बढ़ता है. अगर आप किसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ काम करेंगे तो वेतन लाखों में हो सकता है. टनल इंजीनियरों की मांग पहाड़ी क्षेत्रों में होती है. वहां परिवहन व अन्य जरूरी कार्यों के लिए सुरंग का निर्माण होता रहता है.
क्या कौशल है जरूरी?
टनल इंजीनियर को जियोग्राफिकल सिद्धातों की बहुत अच्छी जानकारी होना चाहिए. टनल इंजीनियर को अन्य इंजीनियरों, ठेकेदार और ग्राहकों के साथ प्रभावी तरीके से बातचीत करना आनी चाहिए.उम्मीदवारों को ट्रेंचलेस निर्माण के साथ-साथ NATM और TBM उत्खनन तकनीकों का गहरा ज्ञान होना चाहिए. इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उम्मीदवारों को लगातार रिसर्च करनी होती है ताकि वे सुरंग को सुरक्षित बना सकें. टीम के साथ काम करने का कौशल (स्किल) भी बेहद जरूरी है.
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