कोरिया। शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त ग्राम पंचायत घागरा में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत घागरा को बीते वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन हैरत वाली बात यह है कि यहां संचालित हाई स्कूल में 9वी दसवीं के बच्चों को अभी भी जमीन में बैठ कर पढ़ना पढ़ रहा है। मूलभूत सुविधाएं बच्चों को नहीं मिल पा रही हैं।

जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित है ग्राम पंचायत घागरा। यहां नवमी और दसवीं के बच्चों को जमीन में बैठ कर पढ़ना पड़ता है और तो और स्कूल में पीने के लायक पानी नहीं मिलने से बच्चों को घर से ही पानी की बोतल लानी पड़ती है। स्कूल में स्वीपर की भर्ती नहीं होने से बच्चों को होने वाली परेशानी कहा सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।

वहीं स्कूल में चपरासी नहीं होने से स्कूल खोलने से लेकर बंद करने तक की जिम्मेदारी भी इसी स्कूल के बच्चे निभाते हैं। स्कूल परिसर में बाउंड्री वाल का भी अभाव है जिसके चलते मवेशी क्लासरूम तक चले आते हैं। इस बारे में जब हमने जिले के शिक्षा अधिकारी से चर्चा की तो उनका कहना था कि पूरे जिले में ऐसा कोई भी स्कूल नहीं है जहां पीने के पानी की किल्लत हो। इससे समझा जा सकता है कि जिले के आला अधिकारी भी किस प्रकार शासन को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।