पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) शिक्षक भर्ती विवाद मामले में नौकरी गंवाने वाले हज़ारों शिक्षकों के लिए सीएम ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान किया है। सीएम ने कहा है कि नई शिक्षक भर्ती की अधिसूचना 31 मई तक जारी की जाएगी। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों को अनुभव का लाभ मिलेगा। साथ ही आयु सीमा में छूट मिलेगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों की नौकरियों की रक्षा के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे।

‘हमारे हाथ बंधे हुए’

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हमने एसएससी फैसले के मामले में सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की है। इस समय सुप्रीम कोर्ट में गर्मी की छुट्टियां हैं। सीजेआई के पिछले आदेश का पालन किया जाना चाहिए। अगर हम इसका पालन नहीं करते हैं तो यह कोर्ट की अवमानना होगी। अगर समीक्षा याचिका के दौरान सुप्रीम कोर्ट कहता है कि नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के लिए परीक्षा की जरूरत नहीं है तो हम उसका पालन करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए 31 मई की समयसीमा तय कर दी है। हमारे हाथ बंधे हुए हैं।

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24,203 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन होंगे जारी

सीएम ममता ने कहा कि सरकारी स्कूलों में 24,203 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए जाएंगे। कक्षा 9 और 10 के शिक्षकों के लिए 11,517, ग्रुप सी के लिए 551 और ग्रुप डी के लिए 1000 अतिरिक्त पद सृजित किए गए हैं।

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क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि, 3 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में एसएससी की भर्ती अभियान के माध्यम से नियुक्त 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द करने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2024 के फैसले को बरकरार रखा । अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने पूरी चयन प्रक्रिया को ‘दूषित और दागी’ करार दिया था। बेरोजगार हुए लोगों ने दावा किया कि फर्जी तरीके से और मेहनत करके नौकरी हासिल करने वालों के बीच अंतर नहीं किया गया है।

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सड़कों पर हो रहा प्रदर्शन

बता दें कि, लगभग हज़ारों लोगों की नौकरी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एक झटके में चली गई। इसी के विरोध में शिक्षक गुरुवार सुबह बिकाश भवन के बाहर इकट्ठा हुए और प्रदर्शन कर रहे हैं। 15 मई को प्रदर्शन के दौरान पुलिस और शिक्षकों के बीच जमकर झड़प भी हुई। कई शिक्षक घायल हो गए थे, जिनमें से 60-70 को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। बावजूद इसके प्रदर्शनकारी लगातार विरोध कर रहे हैं।

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