अमृतांशी जोशी,भोपाल/एनके भटेले,भिंड। इन दिनों प्रदेश में खाद्य सुरक्षा विभाग मिलावट को देखते हुए काफ़ी ज़्यादा सक्रिय है. राजधानी भोपाल के मंगलवारा स्थित महेंद्र मावा भण्डार पर खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने छापेमार कार्रवाई की. विभाग ने 80 किलोग्राम मावा और 152 किलोग्राम पनीर जब्त किया है. इधर भिंड जिले में साइबर और देहात पुलिस की टीम ने भारी गंदगी के बीच तैयार की जा रही मिलावटी दुग्ध सामग्री जब्त किया है.
भोपाल में खाद्य विभाग को कम कीमत पर मावा पनीर का विक्रय किये जाने की शिकायत मिली थी. जिसके बाद प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए तुरंत एक्शन लिया. खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने मावा और पनीर के दुकान में नमूने लेकर 80 किलोग्राम मावा और 152 किलोग्राम पनीर जब्त किया है. जिसकी कीमत 65 हजार रुपये बताई जा रही है. नमूनों की परीक्षण के बाद मानक अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. मिलवाटखोरों के ख़िलाफ़ प्रशासन पहले ही कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दे चुका है.
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भिण्ड जिले में मिलावट माफिया दूध के नाम पर लोगों को ज़हर परोस रहे हैं. शनिवार देर शाम भिण्ड साइबर पुलिस ने एक ऐसी ही डेयरी पर तैयार हो रही भारी मात्रा में अमानक और मिलावटी दुग्ध सामग्री पर छापामार कार्रवाई की. जबकि बाद में सैम्पल की कार्रवाई करने पहुंची खाद्य सुरक्षा विभाग को टीम इस कार्रवाई पर लीपापोती करती नज़र आई.
जानकारी के मुताबिक भिण्ड मुख्यालय से क़रीब 7 किलोमीटर दूर ग्राम चंदुपुरा में साइबर सेल की टीम ने मुखबिर की सूचना पर गोपाल डेयरी पर छापा मारा. मौके पर साइबर और देहात पुलिस की टीम को भारी गंदगी के बीच तैयार की जा रही मिलावटी दुग्ध सामग्री मिली. डेयरी की तलाशी लेने पर टीम को मौके से करीब 500 लीटर दूध, 400 किलो सड़ी हुई क्रीम, जिसमें गंदगी और मक्खियाँ भी पड़ी हुई थी. क़रीब 25 किलो पनीर, एक क्विंटल मावा, 30 से 40 किलो घी, क़रीब 25 पैकेट स्किम्ड मिल्क पाउडर और नक़ली दूध तैयार करने के लिए पॉमऑल और डिटेरजेंट भी मौक़े पर मिला. जिनकी तस्वीरें भी कैमरे में रिकोर्ड की गई.
साइबर सेल ने आगे की कार्रवाई के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को सूचित किया. जिस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी रेखा सोनी अपनी टीम के साथ मौक़े पर पहुँची, लेकिन संदेहास्पद स्थिति बनाते हुए उन्होंने सिर्फ़ मौक़े से मावा के सैम्पल लिए और छापा की कार्रवाई पर बट्टा लगाते हुए वापस जाने लगी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ इस तरह की स्थिति देख साइबर सेल प्रभारी शिव प्रताप सिंह ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर सतीश कुमार को मामले से अवगत कराया. जिसके बाद जाकर उन्होंने मौक़े से दूध, पनीर, क्रीम और अन्य सामग्री की सैंपलिंग देर रात तक की.
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बताया जा रहा है कि भिण्ड कलेक्टर द्वारा खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को मौक़े पर मिली सभी अमानक सामग्री को नष्ट करने के निदेश दिए थे. लेकिन कार्रवाई करने गई खाद्य सुरक्षा अधिकारी रेखा सोनी ने किसी वजह से कलेक्टर के निर्देशों को दरकिनार करते हुए सिर्फ़ किसी तरह का तरल पदार्थ ही नष्ट कराया जो देखने में महज़ पानी नज़र आ रहा था. पूरी कार्रवाई के संबंध में जब उनसे जानकारी ली गई, तो उन्होंने मौक़े से बरामद सामग्री में 57 किलो सामग्री नष्ट कराया जाना बताया. बाक़ी सामग्री का कोई ज़िक्र नहीं किया.
कागजी कार्रवाई में भी फ़ूड सेफ़्टी टीम ने लीपा पोती की है. उन्होंने एक क्विंटल की जगह सिर्फ़ 36 किलो मावा दर्शाया है. वहीं 400 किलो क्रीम की जगह महज़ 160 किलो बताई. स्किम्ड मिल्क पाउडर की संख्या भी 30 की जगह सिर्फ़ 12 पैकेट दर्शाए हैं. वहीं पनीर 25 किलो पाया गया था, जिसे 9 किलो बताते हुए नष्ट कराया जाना बताया. उसकी ज़ब्ती नहीं दिखाई गई. मौक़े पर तैयार किया जा रहा गंदगी भरा और अमानक घी का कार्रवाई में कहीं नामोंनिशान नहीं है.
सवाल पूछने पर भी अधिकारी रेखा सोनी ने किसी तरह के केमिकल ना मिलने की बात कही, जबकि मौक़े पर कपड़े धोने का डिटेरजेंट भी मिला था. मिलावटी सामग्री के अलावा डेयरी संचालक गोपाल शर्मा द्वारा मौक़े पर लाइसेन्स भी उपलब्ध नहीं कराया जा सका. हालांकि सूत्रों ने यह भी बताया कि कार्रवाई करने साथ नहीं आई अन्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी रीना बंसल और डेयरी संचालक के बीच लाइसेन्स के सम्बंध में फ़ोन पर बातचीत हुई. आरोपी गोपाल शर्मा ने अपने फ़ोन से रीना बंसल की बात मौक़े पर मौजूद उनकी सहयोगी साथी रेखा सोनी से कराने का प्रयास किया. बाद में उन्होंने अपने मोबाइल से रीना बंसल से बात की. जिसके बाद पूरी कार्रवाई महज दिखावटी नज़र आई.
अब इस मामले में मिलावट के खेल में खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई पर सवालिया निशान और मिलीभगत के आरोप भी लग रहे हैं. इससे पूर्व भी इन अधिकारियों पर कई बार गम्भीर आरोप लगे हैं. बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मिलावट माफिया लगातार लोगों के स्वास्थ्य और जान से खिलवाड़ कर रहे हैं.
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